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रक्षा मंत्रालय के फैसले से रक्षा उत्पादन के स्वदेशीकरण को बढ़ावा मिलेगा
भारतीय रक्षा उद्योग को बड़े अवसर भी मिलेंगे.एचईसी ने भारतीय रक्षा उद्योग में बेहतर भविष्य को देखते हुए विशेष स्टील का निर्माण किया है. आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत विशेष स्टील का उपयोग रक्षा उद्योग से संबंधित अति महत्वपूर्ण उपकरणों के निर्माण में किया जायेगा. जिससे करोडो रूपए की बचत भी होगी. इसे भी पढ़ें -4">https://lagatar.in/school-colleges-opening-from-january-4-will-have-to-follow-the-government-guidelines/14232/">4जनवरी से खुल रहे स्कूल–कॉलेज, सरकार की गाइडलाइंस का करना होगा पालन
परमाणु उर्जा क्षेत्र और नौसेना के उपकरणों के निर्माण में होगा विशेष स्टील का उपयोग
एचईसी ने भारत की सामरिक शक्ति को और समृद्ध बनाने की दिशा में कदम उठाते हुए परमाणु ऊर्जा क्षेत्र और नौसेना के उपकरणों के निर्माण के लिए दो विशेष प्रकार के स्टील विकसित किए हैं. यह हाई इंपैक्ट स्टील (डीएमआरएल) है. खासियत यह है कि परमाणु ऊर्जा के उत्पादन के दौरान इसकी क्षमता काफी अधिक ताप सहने की है. इसे भी पढ़ें -झारखंड">https://lagatar.in/corona-vaccine-mock-drill-will-be-conducted-from-january-2-in-6-districts-of-jharkhand/14219/">झारखंडके 6 जिलों में 2 जनवरी से होगी कोरोना वैक्सीन की मॉक ड्रिल
पानी में सालों रहने के बाद भी नही लगेगा जंग
एचईसी द्वारा निर्मित विशेष स्टील पानी में सालों रहने के बावजूद जंग नहीं लगेगा. इस स्टील का स्ट्रेंथ सामान्य स्टील की तुलना में कई गुना ज्यादा है. काफी हल्का और मजबूत होने के कारण इसका उपयोग काफी सहज तरीके से किया सकता है.कंपनी के लिए स्टील की खोज मील का पत्थर
भारतीय धातु विज्ञान के क्षेत्र में एचईसी की यह खोज मील का पत्थर है. कंपनी ने नौसेना के युद्धपोत के इंजन और अन्य महत्वपूर्ण उपकरण बनाने की योजना बनाई है. वाणिज्यिक उत्पादन भी शुरू कर दिया है. पहले इस स्टील का आयात होता था. जिसमें करोडों रूपए विदेशी कंपनियों को भुगतान करना पडता था. इसे भी पढ़ें -नये">https://lagatar.in/stock-market-buzzing-in-new-year-sensex-120-points-strong-beyond-nifty-14000/14222/">नयेसाल में शेयर बाजार गुलजार, Sensex 120 अंक मजबूत, Nifty 14000 के पार
रूस की मदद से इंजन, प्रोपैलर सॉफ्ट बनाएगा
एचईसी रूसी तकनीक और डिजाइन के सहयोग से इंजन के साथ प्रोपैलर सॉफ्ट जैसे महत्वपूर्ण उपकरणों का भी निर्माण शुरू करेगा. रूस की जेएससी रोसोबोर्न एक्सपोर्ट, बाल्टिक शिपयार्ड और विंट एंड यूनाइटेड शिप बिल्डिंग कॉर्पोरेशन जैसी कंपनियों की मदद से नौसेना के लिए कई महत्वपूर्ण उपकरण बनायेगा. यह स्टील रासायनिक संरचना और अशुद्धियों के कठोर नियंत्रण के साथ अल्ट्रा क्लीन लिक्विड का मिश्रण है. इसे भी पढ़ें -कोरोना">https://lagatar.in/india-will-take-a-big-decision-regarding-corona-vaccine-today-important-meeting-called/14216/">कोरोनावैक्सीन को लेकर भारत आज लेगा बड़ा फैसला, अहम बैठक बुलायी गयी