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हेमंत सरकार ने माना कि रघुवर काल में चलते थे स्पेशल ब्रांच के दो कार्यालय

Ranchi: नवंबर 2017 और जनवरी 2018 को एडीजी स्पेशल ब्रांच की तरफ से भवन विभाग को पत्र लिखा गया. दोनों बार पत्र एक अलग कार्यालय देने के लिए लिखा गया. भवन विभाग की तरफ से फरवरी 2018 में स्पेशल ब्रांच को दो कार्यालय आवंटित किए गए. जिनमें एक भवन में स्पेशल ब्रांच का कार्यालय चल रहा था और दूसरे भवन में एक गैर-सरकारी शख्स रह रहा था. ये जानकारी गृह विभाग की तरफ से पूर्व मंत्री सरयू राय के पूछे गए सवाल के जवाब में जानकारी दी गई है. यानी हेमंत सरकार ने माना कि रघुवर सरकार के कार्यकाल में स्पेशल ब्रांच के दो कार्यालय चल रहे थे. दोनों कार्यालय कागजी तौर पर स्पेशल ब्रांच के नाम पर थे.

दूसरे कार्यालय में कौन रहता था, गृह विभाग ने नहीं बताया

विधानसभा के अल्पसूचित प्रश्न काल में पूछे गए सवाल का जबाव सरकार की तरफ से दिया है.विभाग की तरफ से ये तो कहा गया है कि स्पेशल ब्रांच के लिए दो कार्यालय काम कर रहे थे. एक कार्यालय में कोई गैर-सरकारी शख्स रह रहा था. लेकिन विभाग की तरफ से यह नहीं बताया गया कि आखिर गैर-सरकारी तरीके से स्पेशल ब्रांच के दूसरे कार्यालय में कौन रह रहा था. इसे भी पढ़ें- राजधानी">https://lagatar.in/rajdhani-will-soon-be-jam-free-raatu-road-kachhari-and-lalpur-chowk-will-become-fourlane/38206/">राजधानी

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सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि विभाग यह मानता है कि कोई गैर-सरकारी शख्स स्पेशल ब्रांच के कार्यालय में रह रहा था, लेकिन कार्यालय के संसाधनों का इस्तेमाल नहीं कर रहा था. जबकि ऐसा संभव ही नहीं है कि कोई सरकारी कार्यालय में रहेगा और वो कार्यालय की संपत्ति का इस्तेमाल ना करे.

किसके आदेश पर दिया गया कार्यालय, हो जांचः सरयू

इस मामले पर लगातार.इन">http://lagatar.in">लगातार.इन

से बात करते हुए पूर्व मंत्री सरयू राय ने कहा है कि अब यह साफ हो चुका है कि रघुवर सरकार में स्पेशल ब्रांच के लिए दो कार्यालय काम कर रहे थे. लेकिन यह साफ नहीं हो पाया है कि आखिर किसके इशारे पर स्पेशल ब्रांच के लिए दो-दो कार्यालय आवंटित कराए गए. साथ ही सरयू राय ने कहा कि फोन टैंपिंग मामले में भी गंभीर जांच की आवश्यकता है. क्योंकि फोन टैपिंग मामले में भी एफआईआर दर्ज हुआ है. एफआईआर किसी एएसआई के नाम पर दर्ज हुआ है. इसे भी पढ़ें- मुकेश">https://lagatar.in/mukesh-ambani-case-shiv-sena-ncp-and-congress-meeting-ajit-pawar-said-we-are-not-saving-anyone/38198/">मुकेश

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सरयू ने कहा कि किसी कनीय अधिकारी के कहने पर फोन टैंपिंग जैसे अपराध नहीं किये जा सकते. जाहिर तौर पर फोन टैंपिंग के लिए भी ऊपर से आदेश दिया गया होगा. ऐसे में मामले पर अच्छी तरह से जांच की जाए और यब बात सामने आनी चाहिए कि पूर्व की सरकार में ऐसा किसके इशारे पर हुआ करता था. इसे भी देखें-  

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