हेमंत सोरेन पहुंचे दिल्ली, नीति आयोग की बैठक में होंगे शामिल
संस्थाएं केवल नाम की रह गई हैं
मरांडी ने कहा कि लोकायुक्त, महिला आयोग, सूचना आयोग और उपभोक्ता फोरम जैसी महत्वपूर्ण संस्थाओं में वर्षों से अध्यक्ष और सदस्य के पद खाली हैं. कहीं अध्यक्ष हैं तो सदस्य नहीं, और कहीं दोनों ही नहीं हैं. उन्होंने कहा कि ये संस्थाएं सिर्फ नाम के लिए रह गई हैं, जबकि इनका मुख्य उद्देश्य जनता को न्याय दिलाना और सरकार को पारदर्शी तथा जवाबदेह बनाना है. इन संस्थाओं का पंगु रहना लोकतांत्रिक ढांचे को कमजोर कर रहा है.भाजपा ने समय पर नेता चुना, सरकार की मंशा पर सवाल
मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार अक्सर नेता प्रतिपक्ष नहीं होने का बहाना बनाती रही है, जबकि भाजपा ने समय रहते नेता का चयन कर दिया था. पिछली विधानसभा में दो बार नेता का चयन किया गया, लेकिन सरकार की नीयत साफ नहीं थी. आज भी जब नेता प्रतिपक्ष विधानसभा में हैं, तब भी सरकार उनकी बातों को नजरअंदाज कर रही है, क्योंकि वह अपनी विफलताओं और भ्रष्टाचार को उजागर नहीं होने देना चाहती.महिला आयोग में 5000 से अधिक लंबित मामले
उन्होंने बताया कि महिला आयोग में वर्ष 2020 से ही अध्यक्ष और सदस्य का पद खाली है और वहां 5000 से अधिक मामले लंबित हैं. महिलाओं को न्याय नहीं मिल रहा और कर्मचारियों को समय पर वेतन तक नहीं दिया जा रहा है. यहां तक कि एक सफाईकर्मी की मौत भी हो चुकी है. उपभोक्ता फोरम की स्थिति भी दयनीय है और कई जिलों में अध्यक्ष और सदस्य तक नहीं हैं.लोकायुक्त नहीं, तो भ्रष्टाचार की जांच कैसे हो?
मरांडी ने कहा कि लोकायुक्त जैसे स्वतंत्र संस्था के नहीं होने से न तो भ्रष्टाचार की शिकायतें दर्ज हो पा रही हैं, और न ही कार्रवाई हो रही है. जबकि अगर लोकायुक्त की नियुक्ति होती, तो मंत्री, विधायक, बड़े पदाधिकारी और यहां तक कि एसीबी के विरुद्ध भी शिकायतें दर्ज की जा सकती थीं.हाईकोर्ट के निर्देशों की भी हो रही अवहेलना
उन्होंने कहा कि झारखंड हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद सरकार संवैधानिक पदों पर नियुक्ति नहीं कर रही है, जिससे स्पष्ट है कि सरकार नहीं चाहती कि उसके खिलाफ कोई स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच हो सके.भाजपा की मांग
बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार से मांग की कि अविलंब सूचना आयुक्त, महिला आयोग और लोकायुक्त सहित सभी महत्वपूर्ण संवैधानिक संस्थाओं में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की जाए, ताकि लोकतंत्र को मजबूत और भ्रष्टाचार-मुक्त बनाया जा सके. इसे भी पढ़ें -भुइंहर">https://lagatar.in/why-bhuinhar-munda-community-has-not-been-able-to-get-the-identity-of-tribal-till-date/">भुइंहरमुंडा समुदाय को क्यों नहीं मिल पायी आजतक आदिवासियत की पहचान
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