Ranchi : झारखंड राज्य स्वच्छ भारत मिशन के अनुबंधकर्मी पिछले 18 दिनों से राजभवन के सामने अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हैं. इनका कहना है कि 31 दिसंबर से हमें हटा दिया जायेगा. हम इतनें दिनों से कार्यरत थे. अब हम क्या करेंगे. राज्य सरकार का यह कैसा नियुक्ति वर्ष है. इस बीच शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी धरनास्थल पर पहुंचे. विधायक बंधु तिर्की, बिनोद सिंह और किशुन कुमार दास भी वहां पहुंचे. उनकी समस्या से अवगत हुए. मौके पर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार ने अनुबंध कर्मियों की सेवा शर्तों में सुधार करने की बात कही थी, किंतु उनका यह संकल्प भी जुमला निकला. हेमंत सरकार एक तरफ साल 2021 को नियुक्ति वर्ष घोषित करती है, दूसरी तरफ वर्षों से काम कर रहे अनुबंध कर्मियों को हटा रही है. यह कैसा न्याय है.
भाजपा सड़क से सदन तक आपके साथ
मरांडी ने कहा कि अनुबंध कर्मी सड़क पर बैठे हैं. इनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है. लेकिन भाजपा इनके हित में हमेशा खड़ी है. इनके साथ है. सरकार को चाहिए कि ये अनुबंध कर्मी अनुभवी हैं. क्षमतावान हैं. दशकों से काम करते आये हैं. इनको ही समायोजित करते हुए इनकी सेवा ली जानी चाहिए. केंद्र सरकार ने इनके समायोजन से संबंधित पत्र भी राज्यों को प्रेषित किया है. उन्होंने आश्वस्त किया कि हमारी पार्टी सड़क से सदन तक आपके साथ है. इनकी मांग है कि पहले से स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज 01 में काम कर चुके इन कर्मियों को SBM फेज 02 में समायोजित किया जाये. जबकि केंद्र सरकार का साफ निर्देश है कि पूर्व में कार्यरत कर्मियों की सेवा यथावत रखते हुए शेष पदों पर बहाली प्रक्रिया पूर्ण की जाये, किंतु राज्य सरकार इनको दरकिनार करते हुए नयी नियुक्ति कर रही है.
वर्तमान में 522 कर्मी कार्यरत हैं
ज्ञात हो कि SBM में 1118 पद सृजित हैं. वर्तमान में 522 कर्मी कार्यरत हैं, जिनको हटा कर नयी नियुक्ति की जानी है. इन अनुबंध कर्मियों का दावा है कि इनलोगों ने ही झारखंड को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने का काम किया है. आगामी जल जीवन मिशन एवं स्वच्छ भारत मिशन का कार्य भी इनलोगों के माध्यम से पूर्ण किया जायेगा. धरना कार्यक्रम में मुख्य रूप से अध्क्ष सुमन मिश्रा, के आजाद, महासचिव आषिश कुमार, रितेश कुमार, बिपिन पांडे, स्विटी, अमित, धर्मेंद्र, अनुज श्रीवास्तव आदि मौजूद थे.
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