पानी के जमाव से बचें की नसीहत देने वाले निगम ने मूंद रखी है अपनी ही आंख
डबल बेंच ने आरोपों को सही पाया था
प्रतुल ने कहा कि उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने हेमंत सोरेन के खिलाफ जमीन घोटाले में लगे आरोपों को प्रथम दृष्टया सही पाया था. हेमंत सोरेन ने उच्च न्यायालय में जब अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी, तो केस संख्या WP(Cr) 68/2024 में दिनांक 3 मई, 2024 को माननीय कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश और माननीय न्यायमूर्ति नवनीत कुमार की बेंच ने अपने जजमेंट में प्रथम दृष्टया हेमंत सोरेन के खिलाफ लगे आरोपों को सही माना था. उच्च न्यायालय ने हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास से बरामद 36 लाख रुपए को लेकर अपने जवाब में माता-पिता के इलाज के लिए पैसा रखने की दलील सही नहीं माना था. प्रतुल ने कहा उच्च न्यायालय ने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को चुनौती करने वाली याचिका को खारिज कर दिया था. प्रतुल ने कहा कि सुविधा की राजनीति के अनुसार झामुमो सिर्फ जमानत के सीमित मुद्दे पर दिए गए उच्च न्यायालय के सिंगल जज के जजमेंट को दिखा रहा है. लेकिन डबल बेंच की टिप्पणियों को नजरअंदाज कर रहा है. कहा कि सत्य की हमेशा जीत होती है और जिन लोगों ने भी भ्रष्टाचार किया है, मोदी जी के न्यू इंडिया में ऐसे भ्रष्टाचारियों को बक्शा नहीं जा सकता है.हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक लंबा लिस्ट
प्रतुल ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ रांची लैंड स्कैम,साहिबगंज का पत्थर खनन घोटाला,अवैध खनन घोटाला, ट्रांसफर पोस्टिंग घोटाला, प्रश्न पत्र लीक घोटाला के आरोप आरोप लगे हैं.इस सरकार के कार्यकाल में 70,000 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगा है. भ्रष्टाचार और ट्रांसपेरेंसी के लिए स्थापित लोकायुक्त और सूचना आयोग जैसी संस्थाओं को पंगु बना दिया गया. यह साफ दिखाता है कि यह सरकार भ्रष्टाचार के मामलों को सामने आने देना नहीं चाहती. इसे भी पढ़ें -Chakradharpur">https://lagatar.in/chakradharpur-computer-operator-fined-rs-500-for-signing-blank-mr/">Chakradharpur: ब्लैंक एमआर में हस्ताक्षर को लेकर कम्प्यूटर ऑपरेटर पर 500 रुपए जुर्माना [wpse_comments_template]
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