Ranchi: भाजपा एक ओर हेमंत हटाओ-झारखंड बचाओ आंदोलन के तहत सचिवालय का घेराव कर रही थी, वहीं संथाल में झामुमो ने बड़ी सेंध लगाते हुए वहां के बड़े नेता माने जाने वाले हेमलाल मुर्मू को अपने पाले में कर लिया. हेमलाल मुर्मू 9 साल बाद फिर से हरे झंडे के नीचे आ गए. हेमलाल मुर्मू मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की उपस्थिति मेंं साहिबगंज जिले के बरहेट प्रखंड स्थित वीर शहीद सिदो-कान्हू की जन्मस्थली भोगनाडीह में झामुमो का दामन थाम लिया. मुर्मू के साथ 4 हजार 2 सौ 52 बीजेपी कार्यकताओं ने भी झामुमो का दामन थाम लिया. इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झामुमो का झंडा ओढ़ा कर हेमलालू मुर्मू को पार्टी में शामिल कराया. हेमंत ने कहा की राजमहल लोकसभा क्षेत्र में एक अच्छे नेता की जरूरत को पूरा करने वाला मिल गया.
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लोबिन के काट के रूप में भी देखा जा रहा है हेमलाल को
हेमलाल मुर्मू 2014 में भाजपा में शामिल हुए थे. जब वह भाजपा में थे तो बरहेट से भाजपा ने उन्हें लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ाया था. लेकिन सफलता नहीं मिली. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें बरहेट से टिकट नहीं दिया. इसके बाद वे भाजपा से दूर-दूर रहने लगे थे. फरवरी में झामुमो के स्थापना दिवस पर ही झामुमो की सदस्यता ग्रहण करने की बात चल रही थी, लेकिन किसी कारणवश स्थगित हो गई. हेमलाल मुर्मू की वापसी लोबिन हेंब्रम की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं.
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अब जबकि हेमलाल मुर्मू की वापसी हो गई है तो झामुमो की तरफ से लोबिन हेंब्रम को साफ संदेश दिया जा सकता है कि अगर आपको झामुमो में ज्यादा परेशानी हो रही है तो आप भाजपा की तरफ रूख कर सकते हैं. अब संथाल में हेमलाल मुर्मू जैसे नेता की वापसी हो गई है जो आपकी जगह भरेगा. लोबिन हेंब्रम लगातार सरकार और खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ लगातार मोर्चा खोले हुए हैं. आए दिन सदन के अंदर और बाहर सरकार के खिलाफ जहर उगलते रहे हैं.