हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में एसीबी न्यायायल के न्यायिक पदाधिकारियों को एक दिन का विशेष प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी ने अपने आदेश में ज्यूडिशियल एकेडमी को यह निर्देश दिया है कि झारखंड के सभी विशेष न्यायालय के न्यायिक पदाधिकारियों के लिए चार माह के भीतर एक विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित करे, ताकि एसीबी से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाले न्यायालयों को संज्ञान लेने के दौरान जो छोटी-मोटी कमियां रह जा रही हैं वो ना रहें. जिसकी वजह से पक्षकार हाईकोर्ट की शरण में आ रहे हैं और अदालत का समय बर्बाद हो रहा है.
घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार हुए थे मिथिलेश सिंह
रांची के सुखदेवनगर थाने के सहायक अवर निरीक्षक मिथिलेश प्रसाद सिंह को एसीबी की टीम ने वर्ष 2020 में की टीम ने 3 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था.उनकी गिरफ्तारी बरियातू थाना क्षेत्र से हुई थी. मिथिलेश सिंह पर दहेज प्रताड़ना के एक आरोपित को केस में मदद करने के नाम पर 15 हजार रुपये की रकम रिश्वत के रूप में मांगी थी. अनुसंधानकर्ता ने पहली किस्त के रूप में तीन हजार रुपये रिश्वत देने को कहा और शेष राशि बाद में देने को कहा, तीन हजार रूपये रिश्वत की राशि के साथ मिथिलेश सिंह को गिरफ्तार किया गया था.एसीबी कोर्ट के संज्ञान को बताया था गलत
गिरफ्तारी के बाद एसीबी की विशेष न्यायालय द्वारा मामले में लिए गए संज्ञान को गलत बताते हुए मिथिलेश प्रसाद सिंह ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. एसीबी न्यायायल द्वारा लिए गए संज्ञान को खारिज करने की मांग करते हुए कहा था कि एंटी करप्शन से जुड़े मामले में संज्ञान लेने का अधिकार राज्य सरकार के निगरानी विभाग को है. हाईकोर्ट ने एसीबी न्यायायल के संज्ञान को सही करार देते हुए मिथिलेश की याचिका खारिज कर दी और ज्यूडिशियल एकेडमी को यह निर्देश दिया है. https://english.lagatar.in/the-work-is-not-visible-anywhere-tell-the-government-where-it-has-spent-85-percent-of-the-budget-babulal/44446/https://english.lagatar.in/brazil-spoke-on-indias-corona-vaccine-agreement-not-satisfied-with-standards-agreement-canceled/44394/
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