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हाईकोर्ट के जज जस्टिस डॉ एसएन पाठक हुए रिटायर, 1988 में वकालत के पेशे से शुरू किया था न्यायिक करियर

Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस डॉ एस एन पाठक मंगलवार को सेवा निवृत्त हो गए. मंगलवार को हाईकोर्ट में उनका अंतिम कार्यदिवस था. अंतिम कार्यदिवस के मौके पर हाईकोर्ट के न्यायाधीशों और एडवोकेट एसोसिएशन ने उन्हें यादगार विदाई दी. बिहार के बक्सर जिले मे इनका जन्म 15 जनवरी 1963 को हुआ था. पटना विश्र्वविद्यालय से उन्होंने इतिहास विषय में 1985 में एमए की डिग्री प्राप्त करने के बाद 1988 में एलएलबी और बाद में कानून में पीएचडी की डिग्री ली. 26 अगस्त 1988 को उनका बतौर अधिवक्ता पंजीयन हुआ था और कुछ समय तक उन्होंने आरपीएस लॉ कालेज पटना मे अंशकालीन व्याख्याता के बतौर कार्य किया था. बिहार बंटवारे के बाद पटना उच्च न्यायालय छोड़कर वे झारखंड उच्च न्यायालय मे प्रैक्टिस करने लगे. जस्टिस डॉ एस एन पाठक ने वर्ष 1988 में न्यायिक क्षेत्र में वकील के रुप में अपने करियर की शुरुआत की थी. जिसके बाद वर्ष 2016 में उन्हें हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया था. एडवोकेट एसोसिएशन द्वारा आयोजित विदाई समारोह में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस समेत अन्य जजों ने जस्टिस डॉ एस एन पाठक को शुभकामनाएं दी. जस्टिस डॉ एस एन पाठक ने अपने न्यायिक जीवन के अनुभवों पर एक पुस्तक भी लिखी है. उनके द्वारा लिखी गई पुस्तक का नाम न्याय पथ के पथिक है, जिसका विमोचन हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने अन्य न्यायाधीशों की मौजूदगी में किया गया था. उनकी विदाई समारोह में स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों समेत हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन की एडहोक कमिटी के पदाधिकारी और वरीय अधिवक्ता और हाईकोर्ट के अन्य न्यायिक पदाधिकारी मौजूद रहे. इसे भी पढ़ें -रांची:">https://lagatar.in/ranchi-minister-irfan-reached-the-house-of-two-missing-real-sisters-said-government-will-help-for-their-return/">रांची:

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