Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ दाखिल संदीप कुमार त्रिपाठी की क्रिमिनल अपील याचिका को खारिज करते हुए निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा है. संदीप को जमशेदपुर सिविल कोर्ट ने 18 मार्च 2016 को हत्या के जुर्म में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. संदीप की याचिका पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस आनंद सेन और जस्टिस सुभाष चांद की खंडपीठ में सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद अदालत ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए आजीवन कारावास की सजा को सही ठहराया. सुनवाई के दौरान दोषी की ओर से यह तर्क दिया गया कि जिस हथियार से हत्या हुई थी, उसे ट्रायल कोर्ट में पेश नहीं किया गया और मृतका के उस बयान के आधार पर अन्य गवाहों ने बयान दिया, जो उसने मरने से पहले दिया था. अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि मृतक द्वारा घायल अवस्था में दिया गया मृत्यु-पूर्व कथन तुरन्त और मानसिक रूप से स्वस्थ था. क्योंकि उसने हमला करने वाले व्यक्ति को पकड़ लिया था. दरअसल संदीप को जमशेदपुर सिविल कोर्ट ने अपनी ही प्रेमिका की चाकू मारकर हत्या करने के जुर्म में दोषी करार दिया था. इस फैसले के खिलाफ उसने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
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