Ranchi : भारत में कालाजार उन्मूलन के लिए आज रांची में दो दिवसीय उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की शुरुआत हुई. यह कार्यशाला रांची स्थित होटल रेडिशन ब्लू में आयोजित किया गया. यह दो दिवसीय कार्यशाला है, जो कल (26 सितंबर) तक चलेगा.
बैठक में अपर स्वास्थ्य सचिव सह निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, भारत सरकार श्रीमती आराधना पटनायक और अभियान निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड शशि प्रकाश झा उपस्थित रहे.
बैठक का नेतृत्व स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने संयुक्त रूप से किया. बैठक में झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के उन्मूलन लक्ष्यों की समीक्षा की गई और आगे के लिए केंद्र, राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर कार्य योजना तैयार करने पर जोर दिया गया.
उद्घाटन सत्र में आराधना पटनायक ने ट्रैक, टेस्ट और ट्रीट रणनीति को समुदाय स्तर पर बेहतर ढंग से लागू करने पर जोर दिया और बताया कि अब भारत में शून्य काला-आजार मामलों को लक्ष्य बनाना चाहिए.
शशि प्रकाश झा ने कहा कि झारखंड काला-अजार उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है. राज्य ने लक्ष्य प्राप्त कर लिया है, लेकिन एंडेमिक क्षेत्रों में लगातार कीटनाशक छिड़काव और निगरानी गतिविधियों को जारी रखना आवश्यक है. उन्होंने सभी को मिलकर काला-अजार मामलों को शून्य करने का आह्वान किया.
पाकुड़ जिले के उपायुक्त मनीष कुमार ने जिले में किए जा रहे अभिनव प्रयासों का विवरण दिया और बताया कि वर्ष 2019 में 198 मामलों से 2025 में 85 मामलों तक कमी लाई गई है. डॉ तनु जैन, निदेशक एनसीवीबीडीसी, ने सामूहिक प्रयासों और विभिन्न विभागों, स्वयं सहायता समूहों और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के योगदान का महत्व बताया.
डॉ छवि पंत जोशी ने बताया कि देश में अब तक 365 काला-अजार के मामले दर्ज किए गए हैं और प्रति 10000 आबादी पर 1 से कम मामले का लक्ष्य प्राप्त हो चुका है. इस कार्यशाला में बेहतर सर्वेक्षण और रिपोर्टिंग की रणनीति बनाई जाएगी ताकि वैश्विक स्तर पर भारत को काला-अजार मुक्त घोषित किया जा सके.
राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ बीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि झारखंड ने वर्ष 2023 में उन्मूलन का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है और बालू मक्खी के काटने से फैलने वाली बीमारी पर नियंत्रण के लिए घरों में कीटनाशक छिड़काव एवं मरीजों की समय पर जांच और उपचार सुनिश्चित किया जा रहा है.
बैठक में झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के राज्य कार्यक्रम अधिकारी, जिला स्तरीय अधिकारी और डब्ल्यूएचओ, गेट्स फाउंडेशन, प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल, ग्लोबल हेल्थ स्ट्रैटजीज, पाथ, केयर और डब्लूजेसीएफ के विशेषज्ञ भी उपस्थित थे. अगले दो दिनों में कार्य योजना के विकास पर सक्रिय रूप से विचार-विमर्श किया जाएगा.
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