विश्य स्तरीय तकनीक को अब भारत में लाने का होगा प्रयास
पई ने बताया कि एल्युमीनियम निर्माण में हिंडाल्को का बड़ा अनुभव है. एल्युमीनियम एक्सट्रूजन, मशीनिंग और वेल्डिंग में मेट्रा की अत्याधुनिक जानकारी के लिए यह कंपनी जानी जाती है. ऐसे में अब हिंडाल्को के जरिए विश्व स्तरीय तकनीक जो वर्तमान में यूरोप, चीन, जापान और कुछ अन्य देशों तक सीमित है, उस तकनीक को भारत में लाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. इटकी की कपंनी के साथ यह करार हिंडाल्को को भारतीय रेलवे के महत्वाकांक्षी उन्नयन कार्यक्रम को चलाने के लिए लॉन्चिंग पैड प्रदान करना है, जो दुनिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क चलाता है.एल्युमीनियम एक्सट्रूजन के नये युग की होगी शुरूआत
सतीश पई ने बताया कि भारत में यात्री ट्रेनों के लिए एल्युमीनियम एक्सट्रूजन का एक नया युग शुरू करने के लिए मेट्रा के साथ जुड़कर हमें खुशी हो रही है. यह वाणिज्यिक वाहनों, माल ढुलाई वैगनों, इलेक्ट्रिक वाहनों और यात्री ट्रेन अनुप्रयोगों में एल्यूमीनियम के लिए हमारी क्षमता निर्माण के अनुरूप है. हमारी संयुक्त विशेषज्ञता निस्संदेह इन ट्रेनों की दक्षता, स्थायित्व और टिकाऊ प्रदर्शन को बढ़ाएगी. भारतीय रेल उद्योग के लिए नए मानक स्थापित करेगी. रेलवे क्षेत्र में एक्सट्रूडेड एल्युमीनियम एक अग्रणी भूमिका निभाता है, क्योंकि यह वजन में कमी और यांत्रिक शक्ति को जोड़ता है. परिवहन क्षेत्र के लिए एल्युमीनियम एक्सट्रूजन बनाने में 60 साल से अनुभवी मेट्रा रेलवे एक्सट्रूजन के निर्माण और मशीनिंग में माहिर है. इससे इतालवी कंपनी को रेलवे के लिए उच्चस्तरीय उप-असेंबली डिजाइन और आपूर्ति करने की अतिरिक्त क्षमता मिलती है.यह करार से एल्यूमीनियम एक्सट्रूजन को नयी दिशा मिलेगी
मेट्रा स्पा के सीईओ एनरिको जंपेड्री ने कहा कि हिंडाल्को इंडस्ट्रीज के साथ सहयोग प्रदर्शित करने का एक रोमांचक अवसर है. एक साथ मिलकर हम भारत में हाई-स्पीड ट्रेन निर्माण के लिए एल्यूमीनियम एक्सट्रूजन को फिर से परिभाषित करने के लिए तैयार हैं. भारतीय रेलवे बुनियादी ढांचे में एक गतिशील बदलाव के दौर में है. इसी क्रम में रेल लाइनों और स्टेशनों के साथ-साथ उच्च गति वातानुकूलित गाड़ियों की शुरूआत की जा रही है. सर्वोच्च आराम और तेज यात्रा के लिए चलाई जा रही सर्वोत्कृष्ट विश्व स्तरीय वंदे भारत ट्रेनें भारत में रेल परिवहन के भविष्य का एक संकेतक हैं. 200 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति से चलने के लिए डिजाइन की गई चमचमाती, वायुगतिकीय ट्रेन, एल्यूमीनियम के उपयोग से संभव होगी. वंदे भारत ट्रेनों के लिए यात्री कोच बनाने में मदद करने के लिए हिंडाल्को ने परियोजना के लिए 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है. प्रौद्योगिकी गठबंधन इस प्रयास के लिए अत्याधुनिक तकनीक प्रदान करेगा.नयी तकनीक से 14,500 टन सीओटू बचेगा
जंपेड्री ने बताया कि उच्च गति वाले रेलवे कोचों के निर्माण में कठोर उच्च ग्रेड एल्यूमीनियम मिश्र धातु दुनिया भर में पसंदीदा धातु के रूप में उभरी है, जो अपने हल्के वजन के कारण सौंदर्यपूर्ण डिजाइन और अधिक गति को सक्षम बनाती है. यूरोप, चीन और जापान में उपनगरीय मेट्रो सिस्टम, हाई-स्पीड इंटरसिटी और लंबी दूरी की रेल यातायात एल्यूमीनियम रेल कोच का उपयोग करती है. एल्यूमीनियम का उपयोग कम वायुगतिकीय प्रतिरोध, ट्रांसमिशन हानि के कारण ऊर्जा दक्षता में काफी वृद्धि करता है और रोलिंग स्टॉक में कम टूट-फूट का कारण बनता है. पिछले अक्टूबर में हिंडाल्को ने भारत का पहला ऑल-एल्युमीनियम लाइटवेट फ्रेट रैक लांच किया था, जो न केवल उच्च गति और प्रति ट्रिप अधिक पेलोड सक्षम कर रहा है, बल्कि अपने जीवनकाल में 14,500 टन से अधिक CO2 बचाएगा. कंपनी आने वाले महीनों में सीमेंट और खाद्यान्न जैसी विशिष्ट वस्तुओं को लक्षित करते हुए माल ढुलाई वैगनों के तीन और डिजाइन पेश करने की योजना बना रही है. इसे भी पढ़ें – ED">https://lagatar.in/ed-witnesss-statement-in-the-court-pooja-singhal-and-her-husband-abhishek-gave-money-through-cash-and-check-to-make-pulse/">EDके गवाह का कोर्ट में बयान- पल्स बनाने के लिए पूजा सिंघल और उनके पति अभिषेक ने कैश और चेक से दिये पैसे [wpse_comments_template]
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