Chaibasa : विधानसभा सत्र के अल्पसूचित प्रश्न में विधायक दीपक बिरुवा ने हिंदी विद्यापीठ देवघर का मामला उठाया. जिसमें 26 अप्रैल 2014 के बाद संस्था से निर्गत शैक्षणिक प्रमाण पत्र को किसी भी नियुक्ति/ प्रोन्नति के लिए मान्यता नहीं दी गई है. विधायक दीपक बिरुवा ने हिंदी विद्यापीठ देवघर से प्राप्त उपाधियों के आधार पर कार्यरत पदाधिकारियों कर्मियों को चिन्हित कर दी गई प्रोन्नति नियुक्ति को रद्द कर विधि सम्मत कार्रवाई करने की मांग सरकार से की. इस पूरे बिंदु पर कार्मिक प्रशासनिक सुधार राजभाषा विभाग ने स्वीकारात्मक जवाब दिया है.
विभागीय मंत्री ने दो माह में कार्रवाई का दिया भरोसा
विधायक दीपक बिरुवा ने विभाग से प्रश्न किया कि क्या यह सही है कि हिंदी विद्यापीठ देवघर द्वारा दी जाने वाली उपाधि यथा प्रवेशिका, साहित्य भूषण एवं साहित्य अलंकार की क्रमशः मैट्रिक, इंटर, स्नातक के समकक्ष स्थायी मान्यता को 26 अप्रैल 2014 के प्रभाव से समाप्त कर दिया गया है. इस पर भी विभाग ने स्वीकारात्मक जवाब दिया. विधायक दीपक बिरुवा ने आगे पूछा कि यदि उपरोक्त मामला स्वीकारात्मक है तो निर्गत पत्र के आलोक में राज्य के विभिन्न पदों पर हिंदी विद्यापीठ देवघर से प्राप्त उपाधियों के आधार पर कार्यरत पदाधिकारियों/कर्मियों को चिन्हित करते हुए दी गई प्रोन्नति/नियुक्ति को रद्द करते हुए विधि सम्मत कार्रवाई की जाए. इस पर विभाग ने स्वीकार किया गया कि हिंदी विद्यापीठ देवघर द्वारा प्रदत उक्त विषयक किसी भी डिग्री/प्रमाण पत्र को अब से किसी भी नियुक्ति प्रोन्नति के लिए मान्यता नहीं दी जाएगी. विभाग ने पत्रांक 4786 दिनांक 01/06/2015 द्वारा स्पष्ट किया कि 26/06/2014 के बाद किसी भी सरकारी नियुक्ति या प्रोन्नति के लिए हिंदी विद्यापीठ देवघर द्वारा प्रदत प्रमाण पत्र को मान्यता नहीं है. चाहे वह 26/04/2014 के पूर्व ही क्यो नही निर्गत किया गया हो. इस मामले पर संबंधित विभाग के मंत्री द्वारा दो महीने के अंदर कार्रवाई करने का आश्वासन विधायक दीपक बिरुवा को दिया.
पुरानी पेंशन योजना लागू करने का मामला भी उठाया
विधायक दीपक बिरुवा ने विधानसभा सत्र में पुरानी पेंशन योजना लागू कराने का मामला सदन में उठाया. विधायक दीपक बिरुवा ने झारखंड राज्य में वर्ष 2004 के पूर्व प्रकाशित विज्ञापन के आलोक में नियुक्त हुए सभी कर्मियों को भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने की मांग सरकार से की है. सोमवार को विधानसभा सत्र में श्री बिरुवा ने उक्त मामले पर कार्मिक प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग से पूछा कि झारखंड लोक सेवा आयोग रांची द्वारा प्रकाशित शिक्षक चयन प्रतियोगिता परीक्षा का विज्ञापन वर्ष 2002 के आधार पर वर्ष 2003 एवं 2005 में नियुक्त शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना के तहत रखा गया है.
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