ट्रैफिक नियमों का करते अनुपालन, तो बच सकती थी जान
Pramod Upadhyay
Hazaribagh : हजारीबाग जिले में एक माह के दौरान 34 लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत हुई है. इनमें अधिकांश 18 से 20 वर्ष की आयु के युवा शामिल थे. सदर अस्पताल की पोस्टमार्टम फाइल के आंकड़ों के अनुसार एक मार्च से 14 अप्रैल तक हजारीबाग में सड़क हादसे की यह कहानी है. मरनेवालों में 22 नवयुवक शामिल हैं. नौ नाबालिग भी हादसे में अपनी जान गवां चुके हैं. इनमें इचाक स्थित तिलरा के शंभू यादव का बेटा सूरज यादव घर का इकलौता चिराग था.
जिले के बड़कागांव, चरही, विष्णुगढ़, टाटीझरिया, बरकट्ठा, कटकमसांडी, बरही समेत विभिन्न क्षेत्रों में यह हादसे हो चुके हैं. सभी दोपहिए वाहन पर सवार थे. इनमें से कई ने हेलमेट नहीं पहन रखा था और कई तेज रफ्तार से वाहन चलाने में अपनी जान गंवाई है. नौ नाबालिगों के पास तो ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं थे.
अभिभावकों को लेना होगा सख्ती से काम : ट्रैफिक इंस्पेक्टर
यातायात थाना के इंस्पेक्टर रोहित कुमार कहते हैं कि नाबालिग बच्चों को तो किसी भी हाल में बाइक चलाने नहीं देनी चाहिए. उनके पास लाइसेंस भी नहीं होते. ट्रैफिक पुलिस उन्हें पकड़ती है, लेकिन अभिभावकों को सख्त होना होगा. साथ ही लोग अगर हेलमेट पहने रहते और ट्रैफिक नियमों का अनुपालन कर रहे होते, तो इनमें से कई की जान संभवत: नहीं जाती. वाहन को नियंत्रित रफ्तार में ही चलाने की जरूरत है.
जागरुकता अभियान के संदेशों को आत्मसात करने की जरूरत : डॉ. प्रमोद प्रसाद
गौतम बुद्ध बीएड कॉलेज के उप प्राचार्य डॉ. प्रमोद प्रसाद कहते हैं कि ट्रैफिक पुलिस विभिन्न शिक्षण संस्थानों में जागरुकता अभियान चलाती है. उनके संदेशों को आत्मसात करने की जरूरत है. अगर उनके संदेशों पर विद्यार्थी वर्ग अमल करें, तो इस तरह आए दिन हादसे में प्राण नहीं गंवाने पड़ेंगे.
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हेलमेट नहीं खरीदने का आज भी है मलाल : शंभू यादव
इचाक के नावाडीह निवासी शंभू यादव को आज भी हेलमेट नहीं खरीदने का मलाल है. वह कहते हैं कि एक लाख रुपए की बाइक खरीदी, लेकिन एक हजार रुपए के हेलमेट नहीं खरीदे. ऊपर से जिद कर उनका नाबालिग इकलौता बेटा उनके पीछे जबरन बाइक लेकर निकल गया और इसका बड़ा खामियाजा उन्हें जीवन में चुकता करना पड़ा. उनके घर का इकलौता चिराग बुझ गया और बाइक के भी परखच्चे उड़ गए. वह समाज के लोगों को यह सलाह देना चाहते हैं कि जो कुछ उनके साथ हुआ, वह दूसरों के साथ नहीं हो. अभिभावक नाबालिग बच्चों को कतई बाइक चलाने के लिए नहीं दें. साथ ही यातायात के हर नियम का अनुपालन करें. तेज रफ्तार में वाहन नहीं चलाएं और हेलमेट पहनकर ही सफर को निकलें.
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