Raipur : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि वामपंथ उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई अब अंतिम चरण में है तथा मार्च 2026 तक देश नक्सल समस्या से मुक्त हो जायेगा. शाह शनिवार को छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर के एक होटल में नक्सल प्रभावित राज्यों की अंतरराज्यीय समन्वय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि वामपंथ उग्रवाद की समस्या पर एक मजबूत रणनीति के साथ अंतिम प्रहार किया जाये.
We believe we will be able to free the country from Left Wing Extremism by March 2026: Home Minister Amit Shah
— Press Trust of India (@PTI_News) August 24, 2024
VIDEO | “We believe that Naxalism is the biggest challenge for the democratic system in our nation. In the last four decades, 17,000 people lost their lives because of Naxalism. Since PM Modi-led BJP came to power at the Centre, we have accepted this as a challenge and tried to… pic.twitter.com/Sg03grvnJf
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वामपंथी उग्रवाद देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए सबसे बड़ी चुनौती
उन्होंने कहा, हम सब का मानना है कि वामपंथी उग्रवाद हमारे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. विगत चार दशक में वामपंथ उग्रवाद के कारण लगभग 17 हजार जानें गयी हैं, चाहे वे नक्सल आंदोलन से जुड़े युवा हों, सुरक्षाबल के जवान हों या आम नागरिक हों.’ शाह ने कहा कि जब से देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है तब से इस समस्या को चुनौती के रूप में स्वीकार किया गया है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में सुरक्षाबल के जवान इस समस्या से निपट रहे हैं, साथ ही उन क्षेत्र में विकास के काम भी किए जा रहे हैं.
नक्सलवाद से जुड़े सभी युवाओं से हथियार छोड़ने का अनुरोध
उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में नक्सल घटनाओं और मृत्यु में कमी आने का दावा किया तथा कहा कि यह लड़ाई अंतिम चरण में पहुंच गयी है एवं सरकार देश को मार्च, 2026 तक पूरी तरह से नक्सल समस्या से मुक्त कर पायेगी. उन्होंने नक्सलवाद से जुड़े सभी युवाओं से हथियार छोड़ने का अनुरोध किया और कहा, ”भारत सरकार इस क्षेत्र के विकास के लिए कटिबद्ध है. भारत सरकार आपके (क्षेत्र की जनता जिनमें नक्सली भी शामिल हैं) विकास के लिए कटिबद्ध है, आपके परिवार के लिए विकास के लिए कटिबद्ध है. नई आत्मसमर्पण नीति को आप अच्छा प्रतिसाद दीजिए, हथियार छोड़िए, मोदी जी के नेतृत्व में विकास का रथ चल पड़ा है,
कांग्रेस नेशनल कांफ्रेंस के राज्य के लिए अलग झंडे लाने की मांग से सहमत हैं?
नये युग का आगाज हुआ है, उसे मजबूती दीजिए. कश्मीर में विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के बीच समझौते को लेकर पूछे गये एक सवाल के जवाब में शाह ने कहा कि उन्होंने विपक्षी दल कांग्रेस से पूछा है कि क्या वह नेशनल कांफ्रेंस के राज्य के लिए अलग झंडे लाने की मांग से सहमत हैं. शाह ने कहा कि उनका कांग्रेस से प्रश्न है कि क्या वह अनुच्छेद 370 की वापसी की मांग से सहमत है.
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के चले जाने के बाद कश्मीर में अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को जो आरक्षण मिला है उसे समाप्त करने की जो बात है क्या कांग्रेस उससे सहमत है. जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 की समाप्ति को लेकर पूछे गये सवाल पर शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 हमारे संविधान से जा चुका है और भविष्य में भी संविधान में इसके लिए कोई जगह नहीं है. देश में जनगणना शुरू होने की संभावना पर शाह ने कहा कि यह उचित समय पर किया जायेगा.