- राजधानी रांची में 114 अस्पताल-नर्सिंग होम में से 85 के पास फायर एनओसी तक नहीं
- प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में केंद्रीयकृत अग्निशमन सिस्टम नहीं, सभी गार्ड अनट्रेंड
Lagatar Desk : कोरोना महामारी के दौरान अस्पतालों और नर्सिंग होम में आग लगने की घटना को गृह मंत्रालय ने गंभीरता से लिया है. गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है. इसमें अस्पतालों और नर्सिंग होम में आग लगने की घटनाएं रोकने के लिए विस्तृत सुरक्षा समीक्षा करने को कहा है. पिछले कुछ समय में हुए कई हादसों के मद्देनजर केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र भेजा है. इसमें शॉर्ट सर्किट से लगने वाली आग की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए कहां है.
अजय भल्ला ने पत्र में लिखा है कि गर्मी के मौसम में अस्पताल की वायरिंग पर ज्यादा भार होने से शॉर्ट सर्किट की आशंका बढ जाती है. शॉर्ट सर्किट से आग लगने पर लोग मारे जाते हैं. इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान होता है. गृह सचिव ने कहा है कि अस्पताल चाहे सरकारी हो या निजी, इनमें आग रोकने की पुख्ता व्यवस्था होनी चाहिए. इसके लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य, ऊर्जा और अग्नि विभागों के साथ मिलकर विस्तृत समीक्षा कर कार्य योजना तैयार करें. इस दौरान कोरोना अस्पतालों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए.
एक ओर जहां कोरोना महामारी देश में मौत का तांडव मचा रही है वही दूसरे ओर अस्पतालों में आग लगने वाली घटनाएं भी लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में इन घटनाओं पर गृह मंत्रालय ने सख्त रुख अपनाया है. मंत्रालय का कहना है कि फील्ड स्तर के अधिकारियों को अंदरूनी वायरिंग की जांच और सुरक्षा उपकरण सुनिश्चित करने के लिए अस्पतालों और नर्सिंग होम का दौरा करना चाहिए. अगर वहां कोई खामी मिलती है तो तत्काल समाधान और कार्रवाई की जानी चाहिए.
रांची के 85 अस्पताल और नर्सिंग होम ने फायर एनओसी तक नहीं लिया
राजधानी रांची में पिछले दिनलों 114 निजी अस्पताल व क्लीनिक का निरीक्षण अग्निशमन विभाग ने किया था. यह निरीक्षण उपायुक्त के निर्देश पर हुआ था. निरीक्षण में पांचों अग्निशमन विभाग ने योगदान दिया था. निरीक्षण में पता चला कि इनमें से 85 जगहों में फायर एनओसी तक नहीं लिया गया है. 44 अस्पताल व हेल्थ सेंटर ऐसे पाए गए हैं, जहां अग्निशमन यंत्र तक नहीं है. सरकारी अस्पतालों में अग्निशमन यंत्र पुराने हो चुके हैं.
राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में आग बुझाने की मुक्कमल व्यवस्था नहीं
झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में आग बुझाने की मुक्कमल व्यवस्था नहीं है. इंडोर वार्ड में 1500 से ज्यादा बेड वाले इस अस्पताल में आग बुझाने की सभी व्यवस्थाएं फेल हैं. पुरानी बिल्डिंग, नए सुपर स्पेशलिस्ट भवनों, डेंटल इंस्टीट्यूट हर जगह आपात स्थिति में आग लगने पर बुझाने के लिए तत्काल बेहतर व्यवस्था नहीं है. 1960 के दशक में बने रिम्स की पुरानी बिल्डिंग में अभी तक केंद्रीयकृत अग्निशमन सिस्टम नहीं लग सका है. उन जगहों पर अग्निशमन यंत्र लगा है. रिम्स के किसी भी गार्ड को आपात स्थिति में अग्निशमन यंत्र चलाने का प्रशिक्षण तक नहीं दिया गया है.