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हूल दिवस पर यूसीसी कानून के खतरे से अवगत कराया गया

  • लोयोला ट्रेनिंग सेंटर में सेमिनार
Ranchi : हूल दिवस पर लोयोला ट्रेनिंग सेंटर में सेमिनार का आयोजन किया गया. वर्किंग पीपुल्स एलायंस, सोशल इनीसिएटिव फोर ग्रोथ एंड नेटवर्किंग और होफमैन लॉ एसोसियेट द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में सिदो- कान्हू, चांद- भैरव और फुलो- झानो के संघर्ष को याद कर उनके चित्र पर माल्यार्पण किया गया. इस मौके पर संत जेवियर कॉलेज के रेक्टर फादर अलेक्स एक्का ने कहा कि अब समय आ गया है कि एक बार फिर से हमलोग मिलकर संघर्ष करें. अधिवक्ता एके रशीदी ने यूसीसी के लागू होने के बाद इसके खतरे की जानकारी दी. प्रभाकर तिर्की ने कहा कि यूनिफोर्म सिविल कोड के लागू होने से सीएनटी एक्ट, एसपीटी एक्ट, पेसा कानून, समता जजमेंट और आदिवासियों को प्राप्त संवैधानिक अधिकारों को खत्म कर दिया जायेगा.

एक हूल क्रांति संविधान बचाने की होनी चाहिए- रतन तिर्की

तारामणि साहू ने कहा कि हूल क्रांति दिवस युवाओं के लिए एक चुनौती है. हर हाल में इसे स्वीकार करना पड़ेगा. टीएसी के पूर्व सदस्य रतन तिर्की ने कहा कि आज संविधान खतरे में है. कानून बदला जा रहा है. संवैधानिक अधिकारों का जबरन हनन किया जा रहा है. इसीलिए एक हूल क्रांति संविधान बचाने की होनी चाहिए. उन्होंने संविधान को सर्वोच्च धार्मिक ग्रंथ बताया.

बच्चियों ने नृत्य प्रस्तुत किया

कार्यक्रम में आदिवासी संताली और उरांव बच्चियों ने नृत्य प्रस्तुत किया. मौके पर  लोयोला ट्रेनिंग सेंटर को निदेशक फादर मूकूल लकड़ा, होफमैन लॉ एसोसियेट के निदेशक महेंद्र पीटर तिग्गा, साईन के निदेशक डा बिपिन पानी, डॉ शांति खलखो, विश्वनाथ तिर्की, दयामनी बरला, संतोष तिर्की, प्रेमचंद मुर्मू, भुनेश्वर केवट, पुष्कर महतो, अजीत उरांव, निरंजना हेरेंज टोप्पो, सरजीत मिर्धा, अधिवक्ता सिस्टर मुक्ता मरांडी, अधिवक्ता सिस्टर सिलवंती कुजूर, अधिवक्ता मृणालिनी टेटे आदि ने अपने विचार रखे. इसे भी पढ़ें – बन्ना">https://lagatar.in/bannas-emergency-secretary-alleges-saryu-rais-name-to-be-removed-from-the-fir/">बन्ना

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