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5 शहरों में बननी है हाउसिंग कॉलोनी, तीन शहर में अबतक सरकार को नहीं मिली जमीन

Ranchi: झारखंड के पांच शहर के लोगों को किफायती दर पर मकान उपलब्ध कराने का काम चल रहा है. रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो और देवघर में आवासीय कॉलोनी बनाए जाने हैं. इसके लिए रांची के बरियातू में 5 एकड़ और जमशेदपुर के आदित्यपुर में 10 एकड़ जमीन चिन्हित कर ली गई है. इसपर चाहरदिवारी निर्माण का काम भी चल रहा है, लेकिन अबतक धनबाद, बोकारो और देवघर में जमीन नहीं मिल पाई है. अगले वित्तीय वर्ष में तीनों जगहों पर जमीन फाइनल कर आवास निर्माण शुरू किये जाने की योजना है. इसे भी पढ़ें - सीबीआई">https://lagatar.in/supreme-court-summoned-reply-from-center-regarding-appointment-of-permanent-director-in-cbi/36645/">सीबीआई

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6 साल में आवास बोर्ड ने बनाये सिर्फ 537 फ्लैट

आवास बोर्ड की सुस्ती का अंदाजा इसी से लग सकता है कि उसने साल 2014-15 से अबतक महज 537 फ्लैट का ही निर्माण किया है. रांची, धनबाद, हजारीबाग और जमशेदपुर प्रमंडल में आवास बोर्ड अपने खाली जमीन पर उच्च आय वर्गीय 19 फ्लैट, मध्यम आय वर्गीय 268 फ्लैट, अल्प आय वर्गीय 129 फ्लैट और कमजोर आय वर्गीय 121 फ्लैट ही बना पाया है. 306 दुकानों और 03 सामुदायिक भवन भी बने हैं, जबकि 127 फ्लैट बनाने की योजना चल रही है. इसे भी पढ़ें -ठाकुरबांध">https://lagatar.in/found-body-of-drowned-third-child-in-thakurbandh-mourning-in-colony/36638/">ठाकुरबांध

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19 साल से संसाधनों और कर्मचारियों की कमी का रोना

राज्य आवास बोर्ड पिछले 19 साल से काम कर रहा है, लेकिन बोर्ड हमेशा संसाधनों और कर्मचारियों की कमी का रोना रोता रहा है. आवास बोर्ड अपनी जमीनों से अबतक अवैध कब्जा नहीं हटा पाई है. उचित देखरेख के अभाव में हजारों आवास जर्जर हो चुके हैं. अब बोर्ड ने नये वित्तीय वर्ष में पहले से बने जर्जर हो चुके आवासीय कॉलोनियों को पीपीपी मोड पर पुर्नविकसित करने की योजना बनाई है. साथ ही बोर्ड के कार्यक्षेत्र का दायरा बढ़ाने और ई-गवर्नेंस लाने के लिए PMU का गठन किया गया है. इसे भी पढ़ें -JPSC">https://lagatar.in/jpscs-combined-civil-service-high-court-cases-age-limit-students-petitioned/36628/">JPSC

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हाउसिंग बोर्ड पर सरकार का ध्यान नहीं

हाउसिंग बोर्ड पर राज्य की सरकारों का कभी खास ध्यान नहीं रहा. शायद यही वजह है कि यह इस दौर से गुजर रहा है. बोर्ड के लिए बजट में कोई बड़ा प्रावधान नहीं किया गया है. वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में आवासीय योजनाओं के लिए होने वाले भूमि अधिग्रहण और विकास के लिए सिर्फ 5.00 करोड़ रुपये की प्रावधान किया गया है, जबकि पीएमयू के गठन के लिए सिर्फ 1 करोड़ रुपये का प्रावधान है. इसे भी पढ़ें -क्यों">https://lagatar.in/why-the-web-series-bombay-begums-got-involved-in-controversiesncpcr-has-made-allegations-regarding-the-childrens-scene/36629/">क्यों

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