Ranchi : झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने बांग्लादेशी घुसपैठ पर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के बयान नाराजगी जताई है. कहा कि राज्यपाल ने किसी नेता की बातों को कैसे आधार मान लिया. राज्यपाल ने एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में कहा था कि बांग्लादेशी घुसपैठ से आदिवासियों की जीवनशैली बदल जाएगी. घुसपैठिये यहां आकर आदिवासी महिलाओं से शादी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के सामने वे इस मुद्दे को रख चुके हैं.
राज्यपाल का इंटरव्यू विधानसभा में मुद्दा बनकर उभरेगा
मंगलवार को पार्टी के कैंप कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि राज्यपाल की बातें परेशान करने वाली हैं. मैं बताना चाहता हूं कि झारखंड की कोई भी सीमा बांग्लादेश के साथ नहीं जुड़ी हुई है. भले ही पश्चिम बंगाल, बिहार, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और ओड़िशा के साथ जुड़ा हुआ है, लेकिन बांग्लादेश के साथ तो बिल्कुल भी नहीं. सवालिया लहजे में पूछा कि राज्य सरकार की इसमें क्या भूमिका है यह भी साफ होनी चाहिए. राज्यपाल को यह जानना जरूरी है कि झारखंड की भौगोलिक स्थिति बदल रही है. केंद्र सरकार के हाथों में सेना और बीएसएफ के जवान हैं. सुरक्षा का जिम्मा भी केंद्र के हाथों में है, तो फिर घुसपैठ की बात कहां तक सच है? मणिपुर की घटना पर हमारे राज्यपाल को बोलना चाहिए था. लेकिन वो तो गुजरात, महाराष्ट्र और बंगाल का स्थापना दिवस मना रहे हैं. राज्यपाल का ताजा इंटरव्यू विधानसभा में मुद्दा बनकर उभरेगा.
बाबूलाल और अनंत ओझा के कहने पर मान लेना सच नहीं
सुप्रियो ने कहा है कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और साहिबगंज के विधायक अनंत ओझा के कहने पर कैसे मान लिया जा सकता है. कुछ कहने के लिए भी आधार की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मॉनसून सत्र में विधानसभा में मॉब लिंचिंग का विधायक आने वाला है. 1932 आधारित नियोजन नीति, ओबीसी आरक्षण जैसे विषय लाए जाएंगे. इससे बीजेपी के लोगों को तकलीफ है.
भाजपा का ऑफिस कहीं और से चलेगा, तब तो दिक्कत होगी
सुप्रियो ने कहा कि सांप्रदायिक उन्माद की जब-जब बात होती है, तो समझ जाइए चुनाव आने वाला है. उन्होंने कहा कि घुसपैठ का पता पार्टी नहीं कर सकती है. भाजपा का ऑफिस कहीं और से चलेगा, तब तो दिक्कत होगी.
INDIA नाम पर पीएम की आपत्ति पर उठाया सवाल
सुप्रियो भट्टाचार्य ने विपक्षी गठबंधन इंडिया पर प्रधानमंत्री की टिप्पणी को लेकर भी सवाल उठाया है. कहा कि यदि इंडिया की तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी से की जा रही है, तो फिर भाजपा के लोग खेलो इंडिया, जीतो इंडिया, शाइनिंग इंडिया और बढ़ेगा इंडिया जैसी बात क्यों करते हैं.