New Delhi : फाइटर जेट राफेल को लेकर बड़ी खबर आयी है. ऑपरेशन सिंदूर के समय राफेल को मार गिराने के पाकिस्तान के दावे की हवा निकल गयी है. खबर यह है कि लड़ाकू विमान बनाने वाली फ्रांस की कंपनी दसॉ एविएशन ने यह बात स्पष्ट कर दी है कि पाकिस्तान ने भारत का कोई राफेल नहीं गिराया.
फ्रांस की वेबसाइट Avion De Chasse ने दसॉ एविएशन के अध्यक्ष और सीईओ एरिक ट्रैपियर के हवाले से कहा कि एक राफेल जेट के ऊंचाई पर जाने पर तकनीकी खराबी आ गयी थी, जिसके चलते वह क्रैश हो गया संघर्ष(भारत-पाक) के दौरान कोई जेट नहीं गिरा.
इससे पूर्व एक साक्षात्कार के दौरान भारत के रक्षा सचिव आरके सिंह ने कहा कि यह कहना गलत है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के राफेल विमान गिराये गये थे. उन्होंने कहा, आपने राफेल्स का इस्तेमाल बहुवचन में किया है. मैं आपको भरोसा दिला सकता हूं कि यह सच नहीं है.
रक्षा सचिव ने कहा कि भारत के मुकाबले पाकिस्तान को जान-का भारी नुकसान हुआ. 100 से ज्यादा आतंकवादी मार गिराये गये.
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय सेना को ऑपरेशन के दौरान पूरी छूट मिली हुई थी. उन्होंने स्पष्ट कहा कि हमारे सशस्त्र बलों पर कोई राजनीतिक रोक नहीं थी. पूरी स्वतंत्रता मिली हुई थी.
फ्रांस की कंपनी ने आरोप लगाया कि चीन ने मई में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य संघर्ष के बाद राफेल लड़ाकू विमानों के प्रदर्शन के बारे में भ्रम की स्थिति पैदा करने की जिम्मेदारी अपने दूतावासों को दी थी. उन्होंने राफेल विमान की प्रतिष्ठा और बिक्री को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की.
एसोसिएटेड प्रेस ने फ्रांसीसी खुफिया सेवा की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि चीन के दूतावासों में रक्षा अधिकारियों (डिफेंस अताशे) ने राफेल की बिक्री को प्रभावित करने के लिए अभियान चलाया, जिसका उद्देश्य उन देशों को राजी करना था, जिन्होंने पहले से ही फ्रांस निर्मित लड़ाकू विमान का ऑर्डर दे दिया है.
रिपोर्ट के अनुसार विशेष रूप से इंडोनेशिया को प्रभावित करने की कोशिश की गयी थी कि वे राफेल विमान न खरीदें. इंडोनेशिया को चीन निर्मित विमान का सलेक्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया गया. फ्रांसीसी सेना के एक अधिकारी ने अपनी पहचान गुप्त रखते हुए रिपोर्ट एपी के साथ साझा की है.
पाकिस्तान के इस दावे पर कि उसकी वायुसेना ने पांच भारतीय विमानों को मार गिराया, जिनमें तीन राफेल भी शामिल थे, फ्रांसीसी अधिकारियों ने कहा कि इससे उन देशों में राफेल के प्रदर्शन को लेकर सवाल उठे, जिन्होंने दसॉ एविएशन से लड़ाकू विमान खरीदे हैं.