Ranchi: विधानसभा में स्वास्थ्य विभाग के अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान माले विधायक विनोद सिंह ने सवाल उठाया कि आखिर कैसे प्रवीण चंद्र मिश्रा को एनआरएचएम में सीनियर कंसलटेंट ऑफिसर बनाया गया है. जबकि पहले से ही उनका अपना धंधा चलता रहा है. ऐसे में वे अपना धंधा चलाएंगे या फिर विभाग का काम करेंगे. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया कि ऐसे लोगों पर करवाई होनी चाहिए. विधायक ने कहा कि एनआरएचएम में जो संविदा पर नियुक्ति हुई है उसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट की चर्चा होती है लेकिन मरीजों के प्रोटेक्शन की चर्चा नहीं होती है. सड़क हादसे में घायलों को आयुष्मान योजना के तहत इलाज नहीं मिलता है. इसलिए मरीज प्रोटेक्शन बिल लाया जाना चाहिए.
दूसरे जिलों के अस्पताल बीमार, इसलिए रिम्स में बढ़ रही भीड़- समरी लाल
बीजेपी विधायक समरी लाल ने स्वास्थ्य विभाग के अनुदान मांग के कटौती प्रस्ताव पर सदन में कहा कि रिम्स में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है. इसके दो कारण हैं. पहली तो रिम्स की व्यवस्था ठीक है और डॉक्टर्स अच्छे हैं वहीं दूसरा कारण ये है कि आसपास के अस्पताल बीमार हैं. दूसरे जिलों से छोटे-मोटे इलाज और जांच के लिए सीधे वहां के सरकारी अस्पताल रिम्स रेफर कर देते हैं. उन्होंने कहा कि दूसरे जिलों के सदर अस्पतालों में रेडियोलॉजी और पैथोलॉजी जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जाए ताकि रिम्स पर बोझ कम हो.
संथाल में आज तक नहीं सुधरी स्वास्थ्य व्यवस्था- सीता सोरेन
जेएमएम विधायक सीता सोरेन ने स्वास्थ्य विभाग के अनुदान मांग के पक्ष में बोलते हुए कहा कि संथाल परगना में स्वास्थ्य के क्षेत्र में स्थिति पहले ही जैसी है. देवघर में एम्स बनाया गया, लेकिन वहां अबतक सिर्फ ओपीडी ही चालू हो पाया है. मरीज इलाज के लिए बाहर जाने के लिए मजबूर हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कई डॉक्टर्स सरकारी अस्पातालों में कम निजी प्रैक्टिस में ज्यादा व्यस्त हैं. सरकार को इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है.
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1 किलो नहीं 10 किलो दाल देने की हो व्यवस्था
वहीं खाद्य आपूर्ति विभाग के बजट पर उन्होंने कहा कि बजट में राशन कार्डधारियों को एक किलो दाल दिये जाने की व्यवस्था ठीक है, लेकिन इसे बढ़ाकर 10 किलोग्राम किया जाना चाहिए. तभी राज्य में कुपोषण का दर कम होगा.
189 डॉक्टरों की जरूरत, लेकिन बोकारो में सिर्फ 78 डॉक्टर्स- लंबोदर
आजसू विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि बोकारो जिले में 189 डॉक्टरों की जरूरत है, जबकि इनमें से 100 हैं ही नहीं. सिर्फ 78 डॉक्टरों के भरोसा जिले की चिकित्सा व्यवस्था है. उन्होंने कहा कि झुमरा पहाड़ और चतरोचट्टी में पदस्थापित सरकारी डॉक्टर अपनी पोस्टिंग के बाद एक बार भी वहां नहीं गये.
साड़म में 14 साल में तैयार नहीं हुआ पीएचसी
साड़म में 14 साल में पीएचसी का भवन बनकर तैयार नहीं हुआ है. पीएचसी करमार में 2 साल पहले जैसे-तैसे भवन तो तैयार हो गया, लेकिन न डॉक्टर की पोस्टिंग की गई है और न पारा मेडिकल स्टॉफ की. वहीं सीएचसी कसमार में 7 डॉक्टरों का पद हैं, जिसमें से 5 खाली हैं. वहीं 2 डॉक्टरों में से एक ने सीएस कार्यालय में अपनी प्रतिनियुक्ति करवा ली है. उनकी प्रतिनियुक्ति को जल्द रद्द किया जाये.
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कार्डियो के 466 मरीजों को वेल्लौर से लौटना पड़ा- प्रदीप यादव
विधायक प्रदीप यादव ने कटौती प्रस्ताव के विपक्ष में बोलते हुए सरकार को कई नसीहतें भी दी. उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में कार्डियो के 466 मरीज वेल्लोर इलाज के लिए गये, लेकिन आयुष्मान कार्ड एक्सेप्ट नहीं होने के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा. उन्होंने कहा कि आयुष्मान कार्ड के तहत निजी अस्पतालों में इलाज के लिए गाइडलाइन होनी चाहिए. वहीं खाद्य आपूर्ति विभाग पर उन्होंने कहा कि आज भी राशन कार्डधारियों को 5 किलो की जगह 4 या साढ़े 4 किलो ही अनाज दिया जा रहा है. डीलर कहता है कि उसे गोदाम से ही कम अनाज मिलता है. इस व्यवस्था को सरकार दुरुस्त करे.