- सूबे में राशन वितरण की अनियमितता कैसे रूकेगी
- प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी के 245 पद चल रहे प्रभार में
- वेंटिलेटर पर चल रहा है सूबे में खाद्य-आपूर्ति विभाग
- मनमाना काम कर रहे सूबे में राशन डीलर
के चलते ओडिशा ने होली खेलने पर लगायी रोक,कई अन्य राज्यों में पाबंदी बढ़ी
डीलर कर रहे मनमाना
राज्य में सरकारी राशन की कालाबाजारी">http://कालाबाजारी">कालाबाजारीकी बात कोई नई नहीं है. कई जिलों में डीलर के द्वारा राशन कार्ड लाभुकों से लेकर डीलर अपने पास रख लेते हैं. ऐसे मामले लातेहार सहित कई जिलों में सामने आ चुके हैं. डीलरों द्वारा कम अनाज देना, समय पर लाभुकों को अनाज न मिलना, राशन डीलर की दंबगई जैसी घटना आम होती जा रहा हैं. एक दिन पूर्व ही पलामू के पाटन प्रखंड के नौडीह गांव के डीलर के खिलाफ लाभुकों ने जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया. डीलर पर राशन लाभुकों को धमकाने और दबंगई दिखाने का आरोप लगाया. शिकायत के बाद भी ऐसे राशन डीलर पर कार्रवाई नहीं होना डीलरों की मनमानी को दिखाता है. इसे भी पढ़ें-झारखंड">https://lagatar.in/investment-boost-for-job-creation-in-jharkhand-chief-minister/40117/">झारखंड
में रोजगार सृजन के लिए निवेश को बढ़ावा : मुख्यमंत्री
सरकार के हर प्रयास पर भारी पड़ रहे राशन डीलर
गौरतलब है सब्सिडी के तहत मिलने वाले राशन में कालाबाजारी और मुनाफाखोरी रोकने के लिए विभाग प्रयासरत है. जरूरतमंद को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से राशन कार्ड को आधार से लिंक करने की प्रक्रिया चल रही है. 1 अप्रैल से उन्हीं लाभुकों को राशन मिलेगा, जिनका राशन कार्ड आधार और बैंक खाता से जुड़ा हुआ होगा. राशन कार्ड पर अंकित सभी पारिवारिक सदस्यों का भी आधार नंबर सीडिंग किया जा रहा है. लेकिन पदाधिकारियों के खाली पड़ा पद सरकार की हर प्रयास को कमजोर करता है. जिसकी खमियां सूबे के राशन कार्ड लाभुकों को भुगतना पड़ता है. इसे भी पढ़ें-
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