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कैसे रूकेगी राशन वितरण में अनियमितता, BSO के 245 पद प्रभार में

  • सूबे में राशन वितरण की अनियमितता कैसे रूकेगी
  • प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी के 245 पद चल रहे प्रभार में
  • वेंटिलेटर पर चल रहा है सूबे में खाद्य-आपूर्ति विभाग
  • मनमाना काम कर रहे सूबे में राशन डीलर
Pravin Kumar Ranchi: झारखंड में 260 प्रखंड हैं जिसमें महज प्रखंड 15 आपूर्ति पदाधिकारी कार्यरत हैं. शेष 245 पद प्रभार पर चल रहे हैं. लोगों को सही मात्रा में अनाज अनाज मिल सके इसके लिए विभाग लगातार प्रयासरत है. इसके लिये खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता विभाग में कुल 435 पद स्वीकृत हैं जिसमें मात्र 67 पदों पर ही पदाधिकारी कार्यरत हैं. जबकि 368 पद रिक्त हैं. ऐसे में लाभुको को अनाज समय पर मिलने में बड़ा पेच सामाने आता है. डीलर मनमाने तरीके से कार्य करते हैं जिसे देखने वाले अधिकारियों का ही टोटा है. इसे भी पढ़ें- कोरोना">https://lagatar.in/odisha-ban-on-playing-holi-due-to-corona-many-states-issued-guidelines/40113/">कोरोना

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डीलर कर रहे मनमाना

राज्य में सरकारी राशन की कालाबाजारी">http://कालाबाजारी">कालाबाजारी

की बात कोई नई नहीं है. कई जिलों में डीलर के द्वारा राशन कार्ड लाभुकों से लेकर डीलर अपने पास रख लेते हैं. ऐसे मामले लातेहार सहित कई जिलों में सामने आ चुके हैं. डीलरों द्वारा कम अनाज देना, समय पर लाभुकों को अनाज न मिलना, राशन डीलर की दंबगई जैसी घटना आम होती जा रहा हैं. एक दिन पूर्व ही पलामू के पाटन प्रखंड के नौडीह गांव के डीलर के खिलाफ लाभुकों ने जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया. डीलर पर राशन लाभुकों को धमकाने और दबंगई दिखाने का आरोप लगाया. शिकायत के बाद भी ऐसे राशन डीलर पर कार्रवाई नहीं होना डीलरों की मनमानी को दिखाता है. इसे भी पढ़ें-झारखंड">https://lagatar.in/investment-boost-for-job-creation-in-jharkhand-chief-minister/40117/">झारखंड

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सरकार के हर प्रयास पर भारी पड़ रहे राशन डीलर

गौरतलब है सब्सिडी के तहत मिलने वाले राशन में कालाबाजारी और मुनाफाखोरी रोकने के लिए विभाग प्रयासरत है. जरूरतमंद को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से राशन कार्ड को आधार से लिंक करने की प्रक्रिया चल रही है. 1 अप्रैल से उन्हीं लाभुकों को राशन मिलेगा, जिनका राशन कार्ड आधार और बैंक खाता से जुड़ा हुआ होगा. राशन कार्ड पर अंकित सभी पारिवारिक सदस्यों का भी आधार नंबर सीडिंग किया जा रहा है. लेकिन पदाधिकारियों के खाली पड़ा पद सरकार की हर प्रयास को कमजोर करता है. जिसकी खमियां सूबे के राशन कार्ड लाभुकों को भुगतना पड़ता है. इसे भी पढ़ें-

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