हेमंती ने अब तक 6 बच्चियों का बाल विवाह रोका
हम इस लड़की की चर्चा कर रहे हैं वह लड़की इस गांव और आसपास के इलाके में चर्चा में बनी हुई है साथ ही कुछ लोगों के आंख की किरकिरी भी. हेमंती पढ़ने लिखने में तो जहीन है ही इसने एक बीड़ा उठाया है कि अपने गांव और आसपास के गांव में अगर कोई बाल विवाह हो रहा है तो यह उसे रोकने का पूरा प्रयास करेगी है अब तक इसने अपने प्रयास से 6 बच्चियों को बचाया है. देखें वीडियो- इसे भी पढ़ें-राजधानी">https://lagatar.in/child-marriage-in-the-capital-police-stopped-marriage/615/">राजधानीमें बाल विवाह , पुलिस ने रूकवाई शादी नेशनल फैमिली हाउसहोल्ड सर्वे के आंकड़ों को अगर देखें तो जिस इलाके की एक खबर है वहां लगभग 40 फीसदी लड़कियों की शादी बालिग होने के पहले ही कर दी जाती हैं. हालांकि यह सरकारी आंकड़े हैं. धरातल पर स्थिति और विकट है. हेमंती कुछ वर्ष पहले बाल विवाह रोकने के मुद्दे पर काम करने वाली एक संस्था के संपर्क में आई थी. उसके बाद उसने काफी प्रयास आसपास के गांव की महिलाओं को यह समझाने का प्रयास किया की बच्चियों की शादी उम्र से पहले ना करें क्योंकि इससे उनके स्वास्थ स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है साथ ही उनकी मानसिक स्थिति भी एक परिवार को संभालने लायक नहीं होती. गांव के लोग इनकी बात को सुनते भी हैं और कुछ लोगों ने इसके कहे अनुसार बच्चियों की शादी बालिक होने के बाद ही की.
अधेड़ से हो रही शादी को रुकवा कर आयी चर्चा में
हेमंती उस वक्त सबसे अधिक चर्चा में आई जब एक दो बच्चे के पिता की शादी उसकी पत्नी के मर जाने के बाद पत्नी की छोटी बहन छोटी नाबालिग बहन के साथ तय कर दी गई. हेमंती को जब यह जानकारी मिली तो उसने पहले समझाने की कोशिश की और फिर जब बात नहीं बनी तो थाने में खबर कर दी नतीजतन शादी के वक्त ही पुलिस पहुंची और शादी रोक दी गई. उसके बाद गांव वालों ने देवेंद्र का जबरदस्त विरोध किया लेकिन इन सामाजिक दबावों का प्रवाह ना करते हुए उसने अपनी मुहिम जारी रखी और एक एक कर आसपास के 3 गांव सिमरागढा, शिसमो और टुटकी की पांच बच्चियों की शादियों को रुकवा दिया. देवंती को हेल्पलाइन नंबर 1098 याद है अगर कहीं ऐसी शादी की खबर आती है इस नंबर को डायल कर संबंधित पते पर पुलिस भिजवा कर शादी को रोकने का प्रयास करती है. इसे भी पढ़ें- बालू">https://lagatar.in/how-money-is-being-distributed-in-the-sand-trade-see-exclusive-video/11101/">बालूके कारोबार में कैसे चल रहा पैसे का बंदरबांट, देखें EXCLUSIVE VIDEO अब आस-पास के गांव में देवंती के चर्चे हैं और बाल विवाह के दरों में भी काफी कमी आई है इस बाबत स्वयंसेवी संस्थान में काम करने वाली पूजा कुमारी बताती हैं देवंती एक आदर्श है और जिस तरह इसने गांव के आसपास जागरूकता फैलाने और नाबालिगों की शादी को रोकने का प्रयास किया है और उस प्रयास में सफलता पाया है यह बच्चियों के लिए प्रेरणा स्रोत है कम उम्र में शादी के कई दुष्परिणाम है और झारखंड में इसकी भयावहता को देखते हुए इस पर काम करने की भी जरूरत है. हजारीबाग के इलाके में काम करने वाली एक स्वयं सेवी संस्था के सदस्य आलोक का कहना है आंकड़ों की बात अगर की जाए तो हजारीबाग, चतरा ,कोडरमा, गिरिडीह, देवघर इन सब इलाकों की स्थिति बहुत खराब है 100 में से 40 से अधिक लड़कियों की शादी बालिग होने के पहले ही कर दी जाती है इस पर काम करने की जरूरत है और इस दिशा में सरकारी स्तर पर भी बेहतर प्रयास होने से ही कम उम्र में शादी रोकी जा सकती है. एक छोटे से गांव में आशा की किरण बनकर उभरी हेमंती ने शायद बाल मन को समझा और तभी उनकी सहायता के लिए रूढ़ी समाज से टकराने को तत्पर हो गई देवंती के इस सार्थक प्रयास को लगातार">http://lagatar.in">लगातार
का सलाम.
Leave a Comment