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अवैध उत्खनन से हावड़ा-दिल्ली रेल मार्ग पर मंडरा रहा खतरा

Sumama Ausal Nirsa :  कोयलांचल में अवैध उत्खनन कोई नयी बात नहीं है. इस धंधे में गरीबों की मौत होती है तो धंधेबाजों की चांदी कट रही है. अभी विगत माह ही अवैध उत्खनन में संलग्न कई लोगों की जान चली गई. उनके परिजनों के आंसू भी नहीं सूखे कि कोल माफिया फिर सक्रिय हो गए. अवैध कोयला उत्खनन धड़ल्ले से चालू है. उन मुहानों पर मौत मंडराती रहती है, मगर धंधा बदस्तूर जारी है. गलफरबाड़ी ओपी क्षेत्र के दुधियापानी में सैकड़ों ऐसे मुहाने खोल दिए गए हैं, जिसमें आए दिन दुर्घटना हो रही है.

   गलफरबाड़ी में बड़े पैमाने पर हो रहा अवैध उत्खनन

मुगमा स्टेशन के समीप गलफरबाड़ी गेट संख्या पांच बी के समीप बंद बर्न स्टैंडर्ड कारखाना परिसर में बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन जारी है. यहां कभी भी जमीन धंस सकती है. रेल दुर्घटना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है. यहां से मात्र चंद मीटर की दूरी पर हावड़ा-नई दिल्ली रेल लाइन है, जहां से राजधानी व शताब्दी जैसी ट्रेनें गुजरती हैं. इन दिनों यहां सैकड़ों की संख्या में अवैध मुहाने खोल दिए गए हैं, जहां अंदर जा कर कोयले की कटाई की जाती है. हैरानी की बात यह है कि अवैध मुहानों से कोयला निकालने के लिए माफिया डायनामाइट तक का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसका सीधा असर रेल लाइन पर पड़ रहा है. स्थानीय पुलिस आंखें मूंदी बैठी है, मानो किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रही हो. [caption id="attachment_255146" align="aligncenter" width="300"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2022/02/summama-2-300x174.jpeg"

alt="" width="300" height="174" /> अवैध उत्खन का मुहाना, जिसे मौत का द्वार भी कह सकते हैं[/caption]

         इस काले कारोबार में सभी शामिल

इस काले कारोबार में सभी शामिल हैं. पुलिस, माफिया, कोलियरी अधिकारी,राजनीतिक दलों से जुड़े लोग और न जाने कौन-कौन. सैकड़ों ट्रैक्टर के जरिये भट्ठों में कोयला पहुंचाया जाता है. भट्ठा संचालक भी रात के अंधेरे में ट्रक से कच्चे कोयले को बंगाल, बिहार एवं उत्तर प्रदेश भेजने का काम करते हैं. गलफरबाड़ी ओपी क्षेत्र अंतर्गत करीब आधा दर्जन अवैध भठ्ठा का संचालन हो रहा है, जिसमें दो सिंह जी,  एक बाउरी और दो खान बंधु शामिल हैं. डंके की चोट पर कोयले का अवैध कारोबार चल रहा है,जो बड़ी घटना को दावत दे रहे हैं. बीच बीच में पुलिस खदान की भराई कर खानापूरी करती रहती है, जिसे बाद में कोयला माफिया खोल कर अपना उल्लू सीधा करने में भिड़ जाते हैं.

       जनप्रतिनिधियों की आवाज भी अनसुनी

जनप्रतिनिधियों ने कई बार आवाज उठाई. कभी उनकी आवाज सुनी जाती है, कभी अनसुनी. आश्वासन मिलता है. कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी जाती है, मगर समय गुजरते ही वही ढाक के तीन पात. अभी हाल ही निरसा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने इस पूरे खेल से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अवगत कराया है. उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा है कि इस धंधे और धंधेबाजों पर लगाम लगाएं, वरना किसी दिन बड़ी दुर्घटना हो सकती है. अब देखना है कि अवैध उत्खनन रुकता है या फिर हर किसी की जुबान पर लगाम लगा कर धंधेबाज अपने काले धंधे को अंजाम देने में जुटे रहते हैं. Edited by Anand Anal यह भी पढ़ें : धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-now-the-punishment-of-molestation-is-three-to-five-years-imprisonment-junior-judge/">धनबाद

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