New Delhi/Jerusalem : इजराइल और हमास के बीच जारी संघर्ष के बीच देश के निर्माण क्षेत्र में श्रमिकों की कमी पूरा करने के लिए 6,000 से अधिक भारतीय श्रमिक अप्रैल और मई में इजराइल पहुंचेंगे. इजराइली सरकार द्वारा बुधवार देर रात जारी एक बयान में कहा गया है कि इजरायली प्रधानमंत्री कार्यालय, वित्त मंत्रालय और निर्माण एवं आवास मंत्रालय ने संयुक्त रूप से निर्णय लिया है कि इन श्रमिकों को रियायती विशेष विमान से लाया जायेगा. बयान के अनुसार इस निर्णय के बाद भारत से कामगारों को एयर शटल से लाया जायेगा. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
17,000 श्रमिक गाजा पट्टी से यहां आकर काम कर रहे थे
जान लें कि इजराइल का निर्माण उद्योग विशिष्ट क्षेत्रों में कामगारों की भर्ती करता है, जहां इजराइली कामगारों की भारी कमी है. खबरों के अनुसार लगभग 80,000 श्रमिकों का सबसे बड़ा समूह फलस्तीन प्राधिकरण-नियंत्रित वेस्ट बैंक से आया था. साथ ही 17,000 श्रमिक गाजा पट्टी से यहां आ कर काम कर रहे थे. अक्टूबर में संघर्ष शुरू होने के बाद उनमें से अधिकतर का कार्य परमिट रद्द कर दिया गया. बयान में कहा गया है कि यह ‘इजराइल में निर्माण क्षेत्र के लिए कम समय में आने वाले विदेशी श्रमिकों की सबसे बड़ी संख्या है.
श्रमिकों के इजरायल जाने का सिलसिला जारी रह सकता है
भारतीय श्रमिक दोनों देशों की सरकारों (जी2जी) के बीच समझौते के तहत इजराइल जा रहे हैं. पिछले सप्ताह मंगलवार को समझौते के तहत भारत से 64 श्रमिक इजराइल पहुंचे. आने वाले समय में श्रमिकों के इजरायल जाने का सिलसिला जारी रह सकता है. पिछले कुछ महीनों में बी2बी माध्यम से 900 से अधिक निर्माण श्रमिक भारत से इजराइल आये हैं. इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पिछले वर्ष दिसंबर में भारत के प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर बात की थी और भारत से निर्माण क्षेत्र के अधिक श्रमिकों को भेजने का अनुरोध किया था.