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बीजेपी के तरकश में सैकड़ों तीर, जेएमएम के पास सिर्फ एक ब्रह्मास्त्र

Ranchi :  बीजेपी झारखंड सहित पूरे देश में संसाधनों, कार्यकर्ताओं और तकनीक से लैस है. पार्टी में राजनीतिक दांवपेंच में माहिर कई खिलाड़ी हैं. झारखंड में संगठन के कामकाज के अलावा सरकार के खिलाफ बयान देने के लिए बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के अलावा 8 उपाध्यक्ष, 3 महामंत्री, 9 मंत्री, 7 प्रवक्ता और मीडिया विभाग के 6 लोग हैं. सोशल मीडिया सेल और मंच,  मोरचों के अध्यक्ष भी सरकार के खिलाफ बयान देते रहते हैं. इस वक्त प्रदेश बीजेपी के पास कम से 50 ऐसे पदाधिकारी हैं जो सरकार और सत्ता पक्ष के खिलाफ बयान देते हैं. जबकि जेएमएम ने बीजेपी के इतने सारे नेताओं का मुकाबला करने के लिए अपना सिर्फ एक पदाधिकारी ही लगा रखा है. जेएमएम का वही पदाधिकारी बीजेपी के 50 पदाधिकारियों पर भारी है. यह पदाधिकारी हैं जेएमएम के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य, जिन्होंने जेएमएम की तरफ से अकेले ही विपक्ष से भिड़ने का पूरा जिम्मा उठा रखा है.

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एक महीने में 18 बयान देकर बीजेपी पर किये हमले

सरकार को किसी मुद्दे पर सर्वदलीय सुझाव चाहिए, तब जेएमएम के तरफ से सुप्रियो भट्टाचार्य ही सामने आते हैं. विपक्ष अगर सरकार के खिलाफ कोई बयान दे, तो सरकार के बचाव में बोलने सुप्रियो ही आते हैं. पार्टी पर लगे आरोप का जवाब भी वही देते हैं. बीजेपी की ओर से पिछले एक महीने में दीपक प्रकाश, बाबूलाल मरांडी, आदित्य साहू, कुणाल षाडंगी, प्रदीप वर्मा और आरती कुजर ने 38 ऑफिशियल बयान जारी कर सरकार या जेएमएम पर हमले किये. उसका जवाब जेएमएम की तरफ से सुप्रियो भट्टाचार्य ने दिया. एक महीने में उन्होंने 18 बयान बयान देकर विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया. सरकार का बचाव किया और बीजेपी के नेताओं पर भी हमले किये.

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ऑनलाइन आकर आरोपों का देते रहे जवाब

झारखंड में जब कोरोना की दूसरी लहर पीक पर थी, उस वक्त बीजेपी के पदाधिकारियों के बयान पार्टी के ऑफिशियल व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये मीडिया तक पहुंचाये जा रहे थे. प्रेस कॉन्फ्रेंस लगभग बंद ही हो चुका था. लेकिन सुप्रियो भट्टाचार्य उस समय भी हर बयान प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जारी कर रहे थे. मीडिया के साथ ऑनलाइन जुड़कर वे न सिर्फ सरकार और पार्टी का पक्ष रख रहे थे, बल्कि मीडिया के सवालों का जवाब भी दे रहे थे.

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प्रभावशाली तरीके से रखते हैं पार्टी और सरकार का पक्ष

जेएमएम में कई पदाधिकारी हैं. विधानसभा में भी जेएमएम विधायकों की संख्या भी सबसे ज्यादा है. कई नेता वोकल हैं, लेकिन जेएमएम आलाकमान ने सुप्रियो पर ही सबसे ज्यादा भरोसा दिखाया है. कारण ये है कि सुप्रियो बेहतर और प्रभावी तरीके से संगठन और सरकार की बातों को सामने रखते हैं. वो सिर्फ हवा-हवाई बातें ही नहीं करते. होमवर्क करते हैं. तथ्यों और आंकड़ों को जुटाते हैं, तब आरोप-प्रत्यारोप करते हैं. विपक्ष के भी आरोपों को भी वह तथ्यों के आधार पर ही खारिज करते हैं. इसी वजह से पिछले एक दशक से जेएमएम को मीडिया में रिप्रजेंट करने का काम उनके जिम्मे छोड़ दिया गया है.

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