Amarnath Pathak
Hazaribagh : हजारीबाग में इन दिनों हाइजेनिक गुपचुप की धूम मची हुई है. दरअसल लोग घड़े में हाथ डुबाकर इमली पानी की जगह मर्तबान में रखे तीन फ्लेवर पानी का मनपसंद तरीके से स्वाद चख रहे हैं. 10 रुपए में एक प्लेट में सजे चार गुपचुप खाने का आनंद ही कुछ और है. यह गुपचुप भी बनाने का अपना अलग अंदाज है, जिसे प्लास्टिक में पैक रखा जाता है. फिलहाल जुलू पार्क, मटवारी और नीलांबर-पीतांबर चौक पर प्रतिदिन अपराह्न दो बजे से हाइजेनिक गुपचुप का खोमचा सज जाता है. लोगों को एक दोने में चार गुपचुप दिया जाता है, जिसे अपनी पंसद के हिसाब से मर्तबाल में इमली, पुदीना और मीठा पानी डालकर बड़े चाव से खाते हैं.
कोरोना काल में चौपारण के ग्रामीण प्रवीण सिंह ने लाया नया कॉन्सेप्ट
चौपारण के महाराजगंज स्थित केंदुआ निवासी प्रवीण सिंह बताते हैं कि कोरोना काल में लोगों को हाइजेनिक गुपचुप खिलाने का नया कॉन्सेप्ट उनके मन में आया. जहां स्वच्छता का पूरा ख्याल रखा जाना था. अभी गुपचुप के साथ तीन फ्लेवर का पानी लोग खुद मर्तबान से ले रहे हैं, वहां ऑटोमेटिक सेंसर वाला नल लगवाना चाह रहे थे. लेकिन गूगल सर्च में भी उनके मर्तबान में लगनेवाला वैसा सेंसर नल का कॉन्सेप्ट नहीं मिल पाया. फिर उन्होंने मर्तबाल वाली बात सोची और उसी का इस्तेमाल किया. प्रवीण बताते हैं कि उन्होंने हजारीबाग में पांच जगहों पर ऐसा हाइजेनिक गुपचुप का खोमचा शुरू कराया था. पिछले दो माह से तीन जगहों पर चल रहा है. स्टाफ की कमी के कारण दो जगह बंद करना पड़ा.
गुपचुप का स्थापित कर रखा है प्लांट
फिलहाल सुरेश कॉलोनी में ट्रांसपोर्ट का बिजनेस करनेवाले प्रवीण सिंह बताते हैं कि उन्होंने डेमोटांड़ में गुपचुप का प्लांट तैयार कर रखा है. यहां उरद, बेसन और सूजी समेत अन्य फ्लेवर मिलाकर बेहतर गुपचुप तैयार किया जाता है. उन्होंने बेरोजगार युवाओं को खोमचा दे रखा है और उसे खाना-पीना के साथ 10-10 हजार रुपए मासिक मानदेय भी देते हैं. उन्होंने मटवारी में युवा बेरोजगार अरुण यादव और जुलू पार्क में प्रवीण यादव को खोमचा दे रखा है.
राजधानी रांची तक कारोबार बढ़ाने के हैं इच्छुक
प्रवीण सिंह ने बताया कि इस हाइजेनिक गुपचुप के निर्माण में लागत मूल्य करीब एक लाख रुपए है. फिलहाल बिजनेस में लाभ नहीं हो पा रहा है, लेकिन धीरे-धीरे कारोबार रफ्तार पकड़ेगा. चूंकि लोगों को अभी हाइजेनिक गुपचुप के बारे में बहुत अधिक जानकारी नहीं है. लेकिन जिन्होंने एक बार स्वाद चख लिया, वह परिवार समेत लगातार आते हैं. राजधानी रांची तक वह हाइजेनिक गुपचुप के इस कारोबार को ले जाने के इच्छुक हैं. पार्टी-फंक्शन आदि के लिए वह ऑर्डर भी लेते हैं और फ्रेंचाइजी भी देते हैं.