Ranchi : आईएएस मनीष रंजन को आज इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) के समक्ष उपस्थित नहीं होंगे. उन्होंने ईडी कार्यालय लेटर भेजकर इस बात की जानकारी है. साथ ही एजेंसी से अगली तारीख देने की मांग की है. ईडी के अधिकारी मनीष रंजन से टेंडर कमीशनखोरी मामले की पूछताछ करेंगे. दरअसल टेंडर कमीशनखोरी मामले में झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, उनके पीएस संजीव लाल और निजी सहायक जहांगीर आलम की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने विभाग के पूर्व सचिव मनीष रंजन के खिलाफ 22 मई को समन जारी किया था. जारी समन में ईडी ने मनीष रंजन 24 मई को रांची स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय सुबह 11 बजे पूछताछ के लिए बुलाया था. ईडी ने मनीष रंजन को अपने और परिवार के सदस्यों की आय और संपत्ति से जुड़े दस्तावेज भी साथ लाने को कहा था.
कमीशनखोरी मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं मंत्री आलमगीर आलम
बता दें कि टेंडर कमीशनखोरी मामले में ईडी अब तक विभाग के मंत्री आलमगीर आलम, संजीव लाल, जहांगीर आलम, मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम, सीए मुकेश मित्तल सहित अन्य लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. ईडी ने लगातार दो दिनों तक पूछताछ करने के बाद आलमगीर आलम को गिरफ्तार कर लिया था. अभी वह ईडी की ही हिरासत में हैं. ईडी उनसे पूछताछ कर रही है. ग्रामीण विकास विभाग से जुड़े कई लोगों की गिरफ्तारी के बाद ईडी के हाथ कई सबूत लगे हैं, जिससे लगातार नये-नये खुलासे हो रहे हैं. खुलाया हुआ है कि एक एक्सेल शीट में कथित तौर पर कमीशनखोरी का हिसाब रखा जाता था, जिसमें मनीष रंजन का नाम भी था. उसी के आधार पर मनीष रंजन को पूछताछ के लिए बुलाया गया है.
ईडी का दावा-मंत्री से अधिकारी तक लेते थे टेंडर में कमीशन
ईडी ने कोर्ट में खुलासा किया था कि ग्रामीण विकास विभाग के टेंडर में अधिकारी से लेकर मंत्री तक कमीशन लेते थे. ज्ञात हो कि आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और उसके निजी सहायक जहांगीर आलम के घर पर छापेमारी में ईडी को नोटों के ढेर मिले थे, जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया था. इसके बाद मंत्री आलमगीर आलम से पूछताछ हुई और ईडी ने उनको भी गिरफ्तार कर लिया.
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