Ranchi : आईएएस मनीष रंजन मंगलवार को ईडी ऑफिस पहुंचे हैं. ईडी के अधिकारी मनीष रंजन और आलमगीर आलम को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करेंगे. मालूम हो कि टेंडर कमीशनखोरी मामले में ईडी ने 22 मई को आईएएस मनीष रंजन को समन भेजकर 24 मई को पूछताछ के लिए ईडी ऑफिस बुलाया था. लेकिन वो ईडी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए थे. उन्होंने राजस्व विभाग के एक कर्मचारी को विशेष दूत के तौर पर पत्र लेकर ईडी ऑफिस भेजा था. पत्र में मनीष रंजन ने तीन सप्ताह का समय देने की मांग की थी. हालांकि ईडी ने उन्हें तीन सप्ताह का वक्त नहीं दिया. इसके बाद ईडी ने 25 मई को मनीष रंजन को दूसरा समन भेजकर 28 मई को पूछताछ करने के लिए बुलाया है. ई़डी के दूसरे समन पर मनीष रंजन ईडी ऑफिस पहुंचे हैं.
टेंडर घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग में आईएएस मनीष रंजन की बड़ी भूमिका
गौरतलब है कि टेंडर घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी मंत्री आलमगीर आलम, उनके ओएसडी संजीव लाल और जहांगीर से पूछताछ की थी. अब तक की पूछताछ में वरीय आईएएस अधिकारी मनीष रंजन की इस मामले में बड़ी भूमिका सामने आयी है. इन तीनों के कबूलनामे के बाद ईडी ने झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव मनीष रंजन को आलमगीर आलम के सामने बैठाकर पूछताछ करना चाहती है. इतना ही नहीं अब तक की हुई जांच में इस पूरे घोटाले में कई प्रभावशाली लोगों की भी बड़ी भूमिका सामने आ रही है.
कमीशनखोरी मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं मंत्री आलमगीर आलम
बता दें कि टेंडर कमीशनखोरी मामले में ईडी अब तक विभाग के मंत्री आलमगीर आलम, संजीव लाल, जहांगीर आलम, मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम, सीए मुकेश मित्तल सहित अन्य लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. ईडी ने लगातार दो दिनों तक पूछताछ करने के बाद आलमगीर आलम को गिरफ्तार किया था. अभी वह ईडी की हिरासत में हैं. ईडी के अधिकारी उनसे पूछताछ कर रहे हैं. ग्रामीण विकास विभाग से जुड़े कई लोगों की गिरफ्तारी के बाद ईडी के हाथ कई सबूत लगे हैं, जिससे लगातार नये-नये खुलासे हो रहे हैं. खुलाया हुआ है कि एक एक्सेल शीट में कथित तौर पर कमीशनखोरी का हिसाब रखा जाता था, जिसमें मनीष रंजन का नाम भी था. उसी के आधार पर मनीष रंजन को पूछताछ के लिए बुलाया गया है.
ईडी का दावा-मंत्री से अधिकारी तक लेते थे टेंडर में कमीशन
ईडी ने कोर्ट में खुलासा किया था कि ग्रामीण विकास विभाग के टेंडर में अधिकारी से लेकर मंत्री तक कमीशन लेते थे. ज्ञात हो कि आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और उसके निजी सहायक जहांगीर आलम के घर पर छापेमारी में ईडी को नोटों के ढेर मिले थे. जिसके बाद ईडी ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था. दोनों की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने मंत्री आलमगीर आलम को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया. ईडी के अधिकारियों ने आलमगीर आलम से 14 को नौ घंटे और 15 मई को छह घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया.
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