Search

अग्निवीर की ट्रेनिंग बीच में ही छोड़ कर जायेंगे तो सेना वसूलेगी खर्च, हो रहा नियम बनाने पर विचार

New Delhi : भारतीय सेना में अग्निवीर के रूप में शामिल हुए कई युवाओं द्वारा ट्रेनिंग बीच में ही छोड़कर जाने से सेना नये नियम बनाने जा रही है. सूत्रों के अनुसार सेना में विचार चल रहा है कि जो अग्निवीर बीच में छोड़कर जाते हैं, तो उनसे उस, समय तक हुई ट्रेनिंग पर होने वाला खर्च वसूला जाये. एक अधिकारी का मानना है कि इस नियम के लागू होने से वही युवा अग्निवीर बनने सेना में आयेंगे, जो सेना में शामिल होने के लिए गंभीर होंगे. ">https://lagatar.in/category/desh-videsh/">

 नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
जान लें कि भारतीय सेना में अग्निवीर के प्रथम बैच ने ट्रेनिंग पूरी कर ली है. अगले माह ये अग्निवीर सेना की अलग-अलग यूनिट में शामिल हो जायेंगे.

अग्निवीर के दूसरे बैच की ट्रेनिंग शुरू हो गयी

खबर है कि अग्निवीर के दूसरे बैच का प्रशिक्षण मार्च से शुरू हो गया है. जानकारी के अनुसार ट्रेनिंग कर रहे अग्निवीरों में कुछ को 30 दिन या इससे ज्यादा दिन मेडिकल लीव में रहने की वजह से बाहर कर दिया गया है. कुछ युवाबेहतर मौका मिलने की वजह से ट्रेनिंग छोड़कर सेना को छोड़ गये हैं. कहा है. सूत्रों का मानें तो पहले बैच में 50 से ज्यादा युवा दूसरी जगह नौकरी मिलने की वजह से ट्रेनिंग बीच में छोड़कर चले गये. हर अग्निवीर को ट्रेनिंग शुरू होने के साथ ही हर माह लगभग 30 हजार रुपये की सैलरी मिलनी शुरू हो जाती है.

अग्निवीर की ट्रेनिंग 6 माह की

अग्निवीर को छह माह की ट्रेनिंग दी जाती है. इसके बाद वह(अग्निवीर) सेना का हिस्सा बन जाते हैं. सूत्रों के अनुसार वर्तमान में अग्निवीर भर्ती नियम में ऐसा कोई नियम नहीं है कि जो युवा अग्निवीर की ट्रेनिंग बीच में छोड़कर जायें तो उन्हें क्या रोका जा सकता है. सेना के एक अधिकारी के अनुसार अधिकारियों की ट्रेनिंग में नियम है कि अगर ट्रेनी बीच में छोड़कर जाते हैं तो उनसे तब तक उन पर किये गये खर्च की वसूली की जाती है. कुछ इसी तरह का विचार अग्निवीर के मामले में भी किया जा रहा है.

30 दिन मेडिकल लीव के बाद चांस नहीं

सूत्रों के अनुसार अग्निवीर के पहले और दूसरे बैच में लगभग 60 युवाओं को मेडिकल लीव में रहने के कारण बाहर कर दिया गया. नियमानुसार किसी भी वजह से 30 दिन ट्रेनिंग से रहने पर उन्हें हटा दिया जाता है. सेना के एक अधिकारी का कहना है कि युवाओं ने अपील की है कि मेडिकल वजहों से छुट्टी पर होने के मामले में उन्हें अगले बैच में ट्रेनिंग का विकल्प मिले, लेकिन यह मुमकिन नहीं है. क्योंकि अग्निवीर के उसी बैच में से चार साल बाद 25प्रतिशत अग्निवीरों को परमानेंट होने का विकल्प दिया जायेगा. प्रतियोगिता उसी बैच के अग्निवीरों में होगी, इसलिए किसी अग्निवीर को दूसरे बैच में शामिल नहीं किया जा सकता. [wpse_comments_template]

Comments

Leave a Comment