Ranchi: आदिवासी जनजाति सुरक्षा मंच के सामाजिक कार्यकर्ताओं की धुर्वा में बैठक हुई. बैठक में निर्णय लिया गया कि पेसा कानून को लेकर आदिवासी समाज के बीच खुला चर्चा किया जाएगा. इस बैठक में पक्ष, विपक्ष, विधायक और पूर्व प्रशासनिक पदाधिकारी को शामिल किया जाएगा. परिचर्चा की घोषणा जल्द की जाएगी.
इस दौरान लोगों ने कहा कि पेसा कानून आदिवासियों के सुरक्षा कवच के रूप में है. झारखंड प्रदेश मुखिया संघ के अध्यक्ष सोमा उरांव ने कहा कि जो लोग धर्मांतरण कर ईसाई बन चुके हैं, उन्हें पेसा कानून से बाहर रखा गया है. ऐसे लोग पेसा कानून एवं उसके अधिकार से वंचित हो चुके हैं.
आदिवासियों की परंपरागत पूजा पद्धति पुरखों से चली आ रही है. जो लोग रूढ़िवादी प्रथाओं को मानते हैं, वही पेसा कानून का लाभ उठा सकते हैं. धर्मांतरण कर चुके लोगों को पेसा कानून में स्थान नहीं मिलना चाहिए. यदि ऐसा हुआ, तो जनजाति सुरक्षा मंच इसका जोरदार विरोध करेगा, क्योंकि पेसा कानून में केवल रूढ़िवादी प्रथाओं को ही शामिल किया गया है. इस मौके पर झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति के अध्यक्ष मेघा उरांव, संदीप उरांव, सन्नी उरांव, हिन्दुवा उरांव, बंधना मुंडा, राजू उरांव, लोरया उरांव सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे.
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