वे मानव श्रृंखला नहीं, सड़क जाम कर रहे थे
उन्होंने कहा कि भोजपुरी, मगही के खिलाफ झारखंडी भाषा संघर्ष समिति द्वारा मानव श्रृंखला बनाकर विरोध करने का कार्यक्रम था . जिन लोगों को आंदोलन का नेतृत्व करना था, वे वहां पहुंचे ही नहीं, जिस कारण लोग दिशाविहीन हो गए. दिशाविहीन आंदोलन राज्य सरकार के संरक्षण में ही हो रहा है. कहा कि राज्य सरकार की नीति स्पष्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि उनकी गाड़ी में बीजेपी का झंडा लगा हुआ था. उस झंडे को देखकर लोग आगबबूला हो गए. आंदोलनकारी मानव श्रृंखला बनाने की नहीं बल्कि सड़क जाम करने की शक्ल में थे. वाहन पर पथराव के साथ-साथ दो अंगरक्षकों के साथ बदसलूकी की गई. कुछ देर वहां और रुकते तो बार्डी गार्ड माब लिंचिंग का शिकार हो जाते. परिस्थिति को देखते हुए वहां से किसी तरह थाना पहुंचे और लिखित शिकायत की है. अबतक किसी कार्रवाई की सूचना नहीं मिली है . राय ने कहा कि आंदोलन कर रहे लोगों ने जानबूझकर हमला किया है . सबसे पहले वाहन से बीजेपी के झंडे को हटाया गया और पार्टी के विरोध मे नारेबाजी की गई. उन्होंने कहा कि अभी भोजपुरी, मगही लागू भी नहीं हुआ है और लोग सड़कों पर उतर रहे हैं. श्री राय ने कहा कि राज्य की हेमंत सोरेन सरकार की मंशा साफ नहीं है. वे राज्य में सामाजिक तनाव, खून-खराबा को बढ़ावा देना चाहते हैं .राज्य सरकार की पोल खुल गई : स्वर्णकार
इधर रविंद्र राय पर हमले के खिलाफ गिरिडीह के बीजेपी नेताओं में आक्रोश है. बीजेपी के पूर्व विधायक लक्ष्मण स्वर्णकार ने कहा कि घटना की जितनी भी निंदा की जाए, कम होगी . पूर्व सांसद रविंद्र राय पर हमले से राज्य सरकार की पोल खुल गई है . इस प्रकार की घटनाएं राज्य सरकार की विफलता दर्शाती है. उन पर हमला करने वाले लोगों को चिन्हित कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए . ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति किसी भी पूर्व सांसद और पूर्व विधायक पर हमला करने के बारे में सोच भी नहीं सके. पूर्व जिलाध्यक्ष यदुनंदन पाठक ने कहा कि पूर्व सांसद रविंद्र राय के साथ हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. किसी भी आंदोलन को हिंसात्मक रूप देने पर सफलता नहीं मिलती हैं. रविंद्र राय राज्य के बड़े नेताओं में से एक हैं . उन पर इस प्रकार हमला से राज्य की विधि - व्यवस्था की पोल खुलती है . यह भी पढें : चेक">https://lagatar.in/from-check-clearance-to-imps-transaction-rules-will-change-from-february-1/">चेकक्लीयरेंस से लेकर IMPS ट्रांजैक्शन तक, 1 फरवरी से बदलेंगे कई नियम [wpse_comments_template]

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