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यदि कानून बनाना सुप्रीम कोर्ट का काम रह गया है, तो फिर संसद भवन को बंद कर दें : निशिकांत दुबे

NewDelhi : यदि कानून बनाना सुप्रीम कोर्ट का ही काम रह गया है, तो फिर संसद भवन को बंद कर देना चाहिए. भाजपा के गोड्डा(झारखंड) निशिकांत दुबे ने यह तल्ख टिप्पणी की है. वक्फ संशोधन कानून और पॉकेट वीटो मामले में छिड़ी बहस को लेकर निशिकांत दुबे ने एक्स पर पोस्ट किया...कानून यदि सुप्रीम कोर्ट ही बनाएगा तो संसद भवन बंद कर देना चाहिए. बता दें कि तमिलनाडु विधानसभा से पारित 10 विधेयकों को राज्यपाल आरएन रवि द्वारा मंजूर नहीं किये जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह समय सीमा निर्धारित कर दी थी. साथ ही राज्यपाल आरएन रवि के रोके हुए 10 बिलों को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दे दी . केंद्र सरकार का मानना है कि समय-सीमा तय कर देने से संवैधानिक अराजकता बढ़ेगी. खबर है कि केंद्र सरकार राष्ट्रपति और राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र (अघोषित पॉकेट वीटो) के मुद्दे पर आर-पार की लड़ाई को तैयार नजर आ रही है. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इसकी आलोचना करते हुए चिंता जताई थी. सूत्रों के अनुसार इस मामले में केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दायर कर सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राष्ट्रपति को राज्यपाल द्वारा विचार के लिए प्रेषित विधेयकों पर विचार करने का संदर्भ मिलने की तिथि से तीन महीने के भीतर निर्णय लेना चाहिए. कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि राज्यपाल के पास `पॉकेट वीटो यानी किसी भी फाइल को अनिश्चित काल तक अपने पास लंबित रखने का अधिकार नहीं है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून पर सुनवाई शुरू होने से पहले केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भरोसा जताया था कि सुप्रीम कोर्ट विधायी मामले में दखल नहीं देगा. कहा था कि अगर कल सरकार न्यायपालिका में दखल देती है तो यह अच्छा नहीं होगा. वक्फ पर बनी जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने ऐलान करते हुए कहा कि अगर कानून में एक भी गलती निकली, तो वे अपने सांसद पद से इस्तीफा दे देंगे. इसे भी पढ़ें : कनाडा">https://lagatar.in/indian-origin-student-shot-dead-in-canada-victim-of-rivalry-between-two-people/">कनाडा

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