alt="" width="1280" height="853" /> चिंतन शिविर का उद्घाटन करते कांग्रेसी नेता[/caption] चिंतन शिविर में अविनाश पांडेय ने कार्यकर्ता की मनोदशा की बातों को प्रमुखता से रखते हुए उत्साह भरने का काम किया. उन्होंने कहा कि आज हमारा नेतृत्व एक ऐसा युवा नेता कर रहा हैं, जिसमें किसी का भय नहीं है. जिसके विचारों में स्वच्छ, ईमानदारी है. जिसका इरादा पक्का है. यह नेतृत्व राहुल गांधी के रूप में हैं. उन्होंने कहा कि इस शिविर के तीन दिन (20, 21,22 फरवरी) को कार्यकर्ताओं से सहयोग और मागदर्शन लेते हुए एक दिशा देने का काम होगा. यह दिशा होगा कि झारखंड को कांग्रेस को किस दिशा के साथ मजबूती दी जाये. इसे भी पढ़ें-पलामू">https://lagatar.in/palamu-allegation-of-forced-construction-of-bypass-road-by-construction-company-no-compensation-for-land-acquired-by-ryots-resentment/">पलामू
: कंस्ट्रक्शन कम्पनी पर जबरन बाईपास सड़क का निर्माण किये जाने का आरोप, रैयतों को अधिग्रहित जमीन का मुआवजा नहीं, आक्रोश प्रभारी ने कहा कि चिंतन शिविर में निश्चित रूप से कोशिश होगी कि आपस में चर्चा कर गंभीर विषयों में कार्यकर्ताओँ का मार्गदशन लिया जाये. इसमें ’भाषा’, 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण, विस्थापन, भूमि अधिग्रहण का मुद्दा और कांग्रेस कोटे के विभाग से हटकर वैसे वादे जो पार्टी ने जनता से अपने चुनावी मैनिफेस्टो में किया हैं. वहीं, अंतिम दिन कॉमन मीनियम प्रोग्राम का ड्राफ्ट तैयार होगा. इस ड्राफ्ट में सरकार के साथ समन्वय के प्रमुख बिंदु होंगे, जिसपर किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया जाएगा. अविनाश पांडेय ने कहा कि शिविर में आंदोलन संबंधी कार्यक्रम और संगठन के सशक्तिकरण के कार्यक्रम (सदस्यता अभियान) के बिंदु भी शामिल होंगे. इन्हीं सभी विषयों पर गहन चर्चा कर हम 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तैयारी में पहुंचेंगे. यानी आज के चिंतन शिविर के माध्यम से हम इसका आगाज करने जा रहे हैं. प्रभारी ने कहा कि समापन के दिन से अगले 100 दिवस के कार्यक्रम तय किये जाएंगे. जिला कांग्रेस कमिटी का समन्वय किस प्रकार होगा, इस पर फैसला होगा, ताकि कांग्रेस के सभी कार्यक्रम एकरूपता के साथ हो सके. इसे भी पढ़ें-रूपेश">https://lagatar.in/chairman-national-commission-protection-children-arrived-to-investigate-rupesh-pandeys-murder-said-matter-serious/">रूपेश
पांडे हत्याकांड की जांच करने पहुंचे राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष, कहा – मामला गंभीर कार्यकर्ताओं और संगठन की मजबूती को लेकर प्रभारी ने कहा कि हम केवल 18 विधायकों के लिए पार्टी को दांव पर नहीं लगा सकते हैं. हर कार्यकर्ता जो 24 घंटे लगातार पार्टी के लिए सालों-साल से संघर्ष कर रहा हैं, वह अब बहुत ज्यादा इंतजार के मूड में नहीं है. ऐसे में यह जरूरी है कि चार मंत्रियों, 18 विधायकों और 2 सांसदों की क्या जिम्मेवारी होगी, यह तय करना होगा. इसपर ध्यान देना होगा कि हम अपने मैनिफेस्टो को कैसे पूरा करें. [wpse_comments_template]

Leave a Comment