बकाये राशन का लाभुकों को है इंतजार, अनियमितता पर अपनी पीड़ा जाहिर की
24,802 ग्रीन राशन कार्डधारी हैं राज्य में , जिससे कुल 4,66, 591 लोग जुड़े हुए हैं
Ranchi : ग्रीनकार्ड धारी राशन उपभोक्ता परेशान हैं. उन्हें नियमित राशन नहीं मिल रहा. करीब 6-7 महीने बाद कटौती के साथ दो माह का राशन मिला है. जो इनके लिए काफी नहीं है. नियमित राशन नहीं मिलने से इन्हें घर-परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है. वे कहते हैं कि जब कार्ड बनवाया है तो हर माह राशन मिलना ही चाहिए. सरकारी स्तर पर इस दिशा में प्रयास होना चाहिए कि सब को समय पर राशन मिले. अभी कई माह का राशन बकाया है. उसके इंतजार में हम सभी हैं. सरकारी राशन मिलने से गृहस्थी की गाड़ी खींचने में थोड़ी सहूलियत होती है. बहुत से परिवार तो ऐसे हैं जहां कमाने वाला एक हैं और खाने वाले कई हैं. ऐसे लोगों के लिये यह सरकारी राशन काफी मददगार साबित होता है. राज्य में 24,802 ग्रीन राशन कार्डधारी हैं, जिससे कुल 4,66, 591 लोग जुड़े हैं. हर कार्डधारी को प्रति यूनिट 5-5 किलो चावल देना है. शुभम संदेश की टीम ने शहरी और ग्रामीण इलाकों के ग्रीन कार्डधारी राशन उपभोक्ताओं से इस संबंध में बात की है. पेश है रिपोर्ट…
हजारीबाग
नवंबर से दो माह का मिला है राशन : नरेश कुमार
बरकट्ठा स्थित बेलकप्पी के नरेश कुमार ने बताया कि सितंबर 2022 से अब तक मात्र तीन महीने का राशन मिला है. सितंबर के बाद नवंबर और दिसंबर का ही राशन मिला है. डीलर से पूछते हैं, तो कहता है कि ग्रीन कार्ड का राशन नहीं आ रहा है. वह कहता है कि कूछ माह पूर्व ग्रीन कार्ड को पीएच कार्ड में बदल कर राशन दिया जा रहा है. उनका परिवार सरकारी राशन पर ही निर्भर है.
दो माह का ही चावल मिला है : रामेश्वरी देवी
इचाक की रामेश्वरी देवी कहती हैं कि बहुत पहले ग्रीन कार्ड बना था, जिसमें नवंबर-दिसंबर दो बार चावल उठाए. उसके बाद से सरकारी राशन नहीं मिला है. डीलर ने बताया कि फिंगरप्रिंट काम नहीं कर रहा है. आधार से लिंक करवाना होगा, जिसको लेकर ब्लॉक का चक्कर काट रहे हैं. पता नहीं कब सुधार होगा और राशन मिलेगा.
ग्रीन कार्ड से अब तक नहीं मिला है राशन : कुमारी नम्रता
कटकमसांडी पबरा की कुमारी नम्रता ने कहा कि कार्ड बने हुए साल भर हो गया, पर एक बार भी अब तक ग्रीन कार्ड से राशन नहीं मिला है. डीलर से करते हैं बात तो सीधा कहता है कि उनका फिंगरप्रिंट नहीं ले रहा है. आधार से लिंक करवा लें, तभी राशन मिलेगा. राशन नहीं मिलने से परेशानी हो रही है. जल्द राशन मिलने से उन्हें सुविधा होती.
हमें अप्रैल का मिला,समय पर मिलना ही चाहिए : दीपू कुमार
झीलनगर के दीपू कुमार ने बताया कि उन्हें सिर्फ अप्रैल का राशन मिला है. पिछले नवंबर से मार्च तक का राशन नहीं मिला है. डीलर से पूछने पर तकनीकी खराबी बताई जाती है. राशन नहीं मिलने से हम उपभोक्ता परेशान रहते हैं. सरकार तो गरीबों के लिए काम कर रही है, लेकिन निचले स्तर पर उपभोक्ताओं के लिए परेशानी खड़ी की जाती है. हमें समय पर राशन मिलना चाहिए.
नवंबर से फरवरी तक का ही मिला है सरकारी राशन : दशरथ कुमार
बड़कागांव के दशरथ कुमार ने बताया कि नवंबर से फरवरी तक का ही राशन मिला है. डीलर कहते हैं कि उनके बायोमीट्रिक्स में कुछ परेशानी है. उनका फिंगर प्रिंट काम नहीं कर रहा है. हालांकि राशन आया हुआ है. उन्हें उनका राशन मिल जाएगा. राशन नहीं मिलने से उनकी परेशानी बढ़ी हुई है. किसी तरह परिवार की गाड़ी खींच रहे हैं.
धनबाद
ग्रीन कार्ड के रूप में सरकार ने थमा दिया है झुनझुना
हर कार्डधारी को प्रति यूनिट 5 किलो चावल धनबाद के ग्रीन कार्डधारियों के लिए सपना बना हुआ है. नवंबर से ही इन कार्डधारियों को चावल नहीं मिल रहा. किसी को मिल गया तो किसी को कभी नसीब ही नहीं हुआ. फरवरी में राज्य सरकार ने पहल की, चावल के लिए टेंडर किया, वितरण का आदेश दे दिया गया है. परंतु कार्डधारियों को मिल नहीं रहा. दुकानदार कहते हैं चावल आएगा तो दे देंगे.
अनाज मिलता ही नहीं, कार्ड किस काम का : मालती देवी
बलियापुर प्रखंड के बाघमारा की मालती देवी कहती हैं कि कोरोना काल में ग्रीन कार्ड बनाकर दिया गया था कि इससे केंद्र सरकार की ओर से राशन मिलेगा. लेकिन अब तक दो बार राशन मिला है. इसके बाद से डीलर बोलता है कि ग्रीन कार्डधारकों का अनाज नहीं आ रहा है. अब हमलोग क्या करें. यह ग्रीन कार्ड किसी काम का नहीं है.
6 माह का राशन नहीं मिला किसी तरह गुजारा : कुमारी अनिमा
बलियापुर प्रखंड के बाघमारा के कुमारी अनिमा कहती हैं कि पति मजदूरी करते हैं. घर में दो बच्चे हैं. पति को हमेशा काम नहीं मिलता है. ग्रीन कार्ड का राशन मिलने से राहत मिलती थी, लेकिन 6 माह का राशन नहीं मिला है. किसी तरह गुज़ारा हो पा रहा है. सरकारी स्तर से इस ओर ध्यान देने की जरूरत है. सरकार को चाहिए कि सभी को समय पर राशन मिले.
हम लोगों को बेवकूफ बना दिया गया है: सुनील महतो
बलियापुर प्रखंड के ढांगी बस्ती के सुनील महतो ने कहा कि सरकार ने ग्रीन कार्ड बनाकर झुनझुना थमा दिया है. इस कार्ड से कोई अनाज नहीं मिलता है. बाकी कार्डधारकों को हर माह राशन मिलता है. हमलोगों को सरकार ने बेवकूफ बनाया है. नवंबर व दिसंबर महीने का खाद्यान्न मिल चुका है.
पिछले 6 महीने का राशन नहीं मिला है : सनातन हेंब्रम
बलियापुर प्रखंड के ढांगी के सनातन हेंब्रम ने कहा कि जून महीने में डीलर ने एक महीने का 20 किलो चावल दिया है. पिछले 6 महीने का राशन नहीं मिला है. इस बारे में डीलर से पूछे जाने पर बताया कि जल्द ही अन्य महीनों का बकाया चावल भी दिया जाएगा. पिछले लगभग सात महीने से सरकारी डीलर से चावल नहीं मिल रहा था. इस कारण बाजार से खरीदकर चावल खाना पड़ता था. पर यह ज्याद दिन संभव नहीं है.
सरकारी राशन पर हैं निर्भर, हो रही है मुश्किल: अमित
धनसार के वार्ड 33 के अमित पासवान ने बताया कि नवंबर और दिसंबर दो माह तक का ही राशन मिला है. डीलर से पूछते हैं तो वह कहते हैं कि ग्रीन कार्ड का राशन नहीं आ रहा है. उनका परिवार सरकारी राशन पर ही निर्भर है. मुश्किल से घर-परिवार चल रहा है.
चाईबासा
पूछने पर डीलर ठीक जवाब नहीं देते हैं : सबन बाबा
चाईबासा के ग्रामीण ग्रीन कार्डधारी सबन बाबा कहते हैं कि मेरे परिवार में कुल 5 सदस्य हैं. मेरा ग्रीन कार्ड बना हुआ है, लेकिन नवंबर से जनवरी तक राशन दुकान से चावल नहीं मिल रहा था. फरवरी माह से चावल मिलना शुरू हो गया. किस कारण से बंद कर दिया गया था, यह मुझे नहीं पता. पूछने पर राशन डीलर ठीक से जवाब नहीं देते हैं.
फरवरी में राशन मिला, बाकी का हिसाब नहीं : गोविंद बाग
चाईबासा के ग्रामीण गोविंद बाग ने कहा कि मेरा ग्रीन कार्ड है और कुल चार यूनिट हैं. चार यूनिट के हिसाब से मुझे राशन डीलर से 20 किलो चावल मिलता था. अचानक नवंबर से राशन मिलना बंद हो गया. चावल नहीं मिलने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अब फिर से फरवरी माह में चावल मिलने लगा है. बाकी चावल का हिसाब नहीं मिला है. बकाए का राशन कब मिलेगा पता नहीं है.
तीन माह का चावल नहीं मिला है : कमला पूर्ति
ग्रामीण कमला पूर्ति ने कहा कि मुझे ग्रीन कार्ड दिया गया है. मेरा कुल यूनिट 6 है. जिसमें से मुझे प्रति माह 30 किलो चावल मिलता था. सरकार यादि इसे बंद दी तो इसका जवाब डीलर को देना चाहिये. अभी भी कुछ माह से रशन नहीं मिला है. फरवरी और मार्च का राशन मिलने के बाद अब तीन माह का चावल नहीं मिला है.राशन डीलर से पूछने पर बताया कि ऊपर से ही बंद हो गया है तो हम कहां से देंगे.
सरकार को अब राशन नहीं, रोजगार देना चाहिए : रजो देवी
चाईबासा की ग्रामीण रजो देवी ने कहा कि सरकार राशन का चावल खाने की आदत लगवा दी है. अब जायें तो कहां जायें. सरकार को रोजगार देने की जरूरत है. हमें राशन नहीं चाहिये. सरकार रोजगार उपलब्ध करा दे, हमलोग काम कर खाने में सक्षम हैं. मुझे प्रति व्यक्ति 5 किलो के हिसाब से राशन डीलर से 20 किलो चावल मिल रहा था. पर अचानक बंद हो जाने से रोज राशन डीलर के पास चक्कर लगा रही हूं. पता नहीं बकाया राशन कब मिलेगा.
लातेहार
बदला जाये मेरा राशन कार्ड : मंजू
नेतरहाट थाना क्षेत्र की दुरूप ग्राम निवासी मंजू देवी ने बताया कि नवंबर से अप्रैल तक में दिसंबर और जनवरी (दो माह) का चावल मिला है. फरवरी, मार्च और अप्रैल से लेकर अब तक नहीं मिला है. मंजू देवी विधवा है. उनके तीन बच्चे हैं. पति के गुजर जाने के बाद से घर में आय का स्रोत नहीं है. मजदूरी कर बच्चों का पढ़ाई और घर का खर्च चलाती है. उन्होंने राशन देने या ग्रीन कार्ड को कार्ड में तब्दील करने की मांग की है.
कई माह का चावल बकाया : कमला देवी
दुरूप पंचायत की ही कमला देवी ने बताया कि उसे मात्र नवंबर और दिसंबर का राशन मिला है. जब भी राशन दुकानदार के घर जाते हैं तो बताया जाता है कि सरकार ने ग्रीन कार्ड का आवंटन बंद कर दिया है. जब आवंटन आयेगा तो राशन वितरित करेगें. कई मई महीनों तक चावल नहीं मिलने से दिक्कत होती है. समय पर राशन मिल जाता है तो बहुत मदद मिलती है. सरकार को चाहिए कि सब को समय पर राशन मिले इसकी व्यवस्था करे.
बाजार से खरीदने की हैसियत नहीं: बिलास
नेतरहाट के दुरूप ग्राम का ही बिलास मुंडा ने बताया कि उन्हें मात्र नवंबर और दिसंबर का राशन मिला है. पिछले हफ्ते ही राशन दुकानदार के पास गये थे, कहा गया कि राशन अभी नहीं आया है. आयेगा तो सूचना देगें. बिलास ने कहा कि नियमित राशन मिलने से सहूलियत होती है. इतनी हैसियत नहीं है कि खरीद कर चावल खायें. घर में कई सदस्य हैं. सरकारी राशन मिलता है तो काफी सहूलियत होती है.इसे समय पर दिया जाना चाहिए.
चक्रधरपुर
राशन मिलने से राहत : जया माझी
चक्रधरपुर के इंदकाटा गांव निवासी ग्रीन कार्डधारी जया माझी ने कहा कि उन्हें दो महीने का ही चावल मिल पाया है. डीलर द्वारा नवंबर और दिसंबर का चावल जून महीने में दिया गया था. जनवरी, फरवरी और अन्य महीनों का राशन नहीं मिल पाया है. डीलर ने बताया है कि तीन-चार दिनों के बाद जनवरी माह का राशन दिया जाएगा. चावल मिलने से अब राहत है, नहीं तो काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था.
दो महीने का मिला है चावल : रानी सवैया
चक्रधरपुर के कोमाय गांव निवासी ग्रीन कार्डधारी रानी सवैया ने कहा कि फिलहाल उन्हें नवंबर और दिसंबर महीने का ही चावल मिल पाया है. जबकि जानकारी मिली है कि जनवरी और फरवरी माह का भी राशन गोदाम में आ चुका है और जिला द्वारा चावल बांटने का निर्देश भी दे दिया गया है, लेकिन अब तक डीलर ने जनवरी और फरवरी महीने का चावल नहीं दिया है. डीलर से पूछे जाने पर बताया कि दो-तीन दिनों के भीतर चावल का वितरण किया जाएगा.
डीलर राशन में करते हैं कटौती : डीबरू बोदरा
चक्रधरपुर के गुईबेड़ा गांव निवासी डीबरू बोदरा ने कहा कि राशन डीलर द्वारा राशन में कटौती की जाती है. हमें मिलने वाले राशन में पिछले महीने एक किलो राशन की कटौती की गई है. फिलहाल दो महीने का ही राशन मिल पाया है. अधिकारियों को इस ओर निगरानी कर समय पर राशन उपलब्ध कराया जाना चाहिए. ताकि परेशानियों का सामना न करना पड़े. हमारे पास उतना पैसा नहीं होता है कि बाजार से चावल खरीद सके.
पाकुड़
छह महीने बाद मिला दो महीने का राशन,बाकी कब मिलेगा : सागेन
पाकुड़ शहर के कीताझोर निवासी सागेन बीबी ने कहा कि नवंबर और दिसंबर महीने का खाद्यान्न 6 महीने बाद मई और जून में मिला है. अगले महीने मिलेगा या नहीं ये भी तय नहीं. मजदूरी करके किसी तरह बच्चों को पालते हैं. सरकारी राशन नहीं मिलने से बहुत परेशानी होती है. सराकार को चाहिए कि समय पर राशन की व्यवस्था करे.
देर से राशन मिलने पर होती है परेशानी : रमीशा बीबी
रमीशा बीबी ने कहा कि ग्रीन राशन कार्डधारियों को छह महीने से अधिक समय से खाद्यान्न नहीं मिल पा रहा था. नवंबर और दिसंबर महीने का अनाज मई और जून में मिला है. इस दौरान हमलोगों को काफी परेशानी हुई. सरकार को नियमित राशन वितरण की व्यवस्था सख्ती से लागू करनी चाहिए, जिससे गरीबों के घरों में चूल्हा जल सके.
ग्रीन कार्डधारियों की उपेक्षा हो रही है, ध्यान दिया जाए : पतनूर बीबी
पतनूर बीबी ने कहा कि ग्रीन राशन कार्डधारियों की उपेक्षा हो रही है. समय पर खाद्यान्न नहीं मिलता है. पिछले छह महीने से काफी परेशानियों से जूझना पड़ा है. इस महंगाई में बाजार से राशन खरीदना गरीबों के वश में नहीं है. सरकारी राशन से गरीबों के घर में चूल्हा जल पाता है.इसलिये सरकार को चाहिए कि ऐसी व्यवस्था करे कि सभी को समय पर राशन मिले.
सरकारी राशन मिलने से बहुत राहत मिलती है : याकूब शेख
याकूब शेख ने कहा कि नवंबर और दिसंबर महीने का चावल जून माह में दिया गया है. पांच लोगों का परिवार है. मजदूरी कर किसी तरह गुजारा हो पाता है. हर रोज मजदूरी नहीं मिल पाती है. सरकारी राशन मिलने से कम से कम बच्चे तो भूखे नहीं सोते.अगर समय पर राशन मिल जाए को घर चलाना आसान हो जाता है. इस ओर ध्यान देने की जरुरत है.
देवघर
पूरा राशन डीलर हड़प गया : इम्तियाज
ग्राहक एमडी इम्तियाज अंसारी ने बताया कि उसे मार्च महीने का राशन नहीं दिया गया है. इसकी शिकायत जब करते हैं तो पहले तो ध्यान ही नहीं दिया जाता है. पर जोर देने पर उन्हें धमकी दी जाती है.ऐसे मामलों पर सराकार को ध्यान देना चाहिए.
राशन काट लेते हैं डीलर : किशन दास
इसी पंचायत के किशन दास की मानें तो उसे जनवरी माह का राशन काट लिया गया है. इसका कोई हिसाब किताब डीलर नहीं दे रहे हैं. हर माह सभी ग्राहकों से प्रत्येक यूनिट पर 1 से 2 किलो अनाज काट लिया जाता है. इसका कारण नहीं बताया जाता है.
दो माह का राशन नहीं मिला : गुड्डु अंसारी
गुड्डू अंसारी ग्राहक ने बताया कि उसे 2 महीने का राशन नहीं मिला है. बाकी माह में प्रत्येक कार्ड पर 1 से 2 किलो अनाज जबरन काटा लिया जाता है. पूछने पर इसका कोई हिसाब नहीं दिया जाता है.यह तो गलत है. सरकार को ध्यान देना चाहिए.
गिरिडीह
दो महीने का ही राशन मिला : माधुरी देवी
धनवार प्रखंड की बरजो निवासी माधुरी देवी ने कहा कि ग्रीन कार्डधारियों को पिछले वर्ष नवंबर और दिसंबर महीने का राशन मिला है. सरकार ग्रीन कार्डधारी को प्रत्येक महीना राशन नहीं दे पा रही है. जिसके कारण गरीब परिवारों के लिए परेशानी खड़ी हो जाती है.
समय पर राशन नहीं : विवेक कुमार
बेंगावाद के चपुवाडीह निवासी विवेक कुमार ने कहा कि ग्रीन कार्ड के लाभुकों को समय पर राशन नहीं मिल पा रहा है. ग्रीन कार्ड बनने के बाद से लाभुकों में काफी उम्मीद जगी थी. जो पूरी नहीं हो पा रही है. इस दिशा में सरकार को विशेष ध्यान देना चाहिए.
हर माह राशन मिले तो अच्छा : गायत्री देवी
गांडेय प्रखंड की गुड़ा गांव निवासी गायत्री देवी ने कहा कि ग्रीन कार्डधारियों को समय पर राशन नहीं मिलने से काफी परेशानी हो रही है. ग्रीन कार्ड बनने के बाद से प्रत्येक महीना राशन मिलने की उम्मीद थी. लेकिन समय पर राशन नहीं मिल रहा है.
आदित्यपुर
कोरोना काल में चार महीने का राशन मिला था : किरणमयी देवी
आदित्यपुर निवासी किरणमयी देवी कहती हैं कि हमें कोरोना काल में अनाज देने के लिए ग्रीन कार्ड बनाकर दिया गया था. उस समय 4 महीने 10-10 किलोग्राम चावल भी मिला था, लेकिन बाद में राशन मिलना बंद हो गया. अगस्त 2022 में 5 किलो अनाज के बाद मई 2023 में दोबारा 5 किलो चावल का पैकेट मिला है. सुनते हैं अब हर महीने प्रधानमंत्री कोटे से राशन मिलेगा. जून में नहीं मिला है. हमलोग इंतजार में हैं. डीलर ने कहा है कि आवंटन आते ही चावल मिलेगा.
ग्रीन कार्ड धारियों को हर महीने नहीं मिलता है राशन : सम्बिका शर्मा
आदित्यपुर निवासी सम्बिका शर्मा कहती हैं कि ग्रीन कार्डधारकों को हर महीने राशन नहीं मिल रहा है. हमें यह बोलकर कार्ड दिया गया था कि हर माह कार्डधारी को प्रति कार्ड 5 किलो चावल मिलेगा. अब बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री कोटे से आवंटन ही नहीं मिल रहा है. हमलोगों को नवंबर से ही राशन नहीं मिल रहा है. पिछले माह में 5 किलो चावल का पैकेट मिला था. जून का राशन नहीं मिला है.
ग्रीन कार्ड धारकों पर सरकार का ध्यान नहीं है: मीनाक्षी सिंह
आदित्यपुर निवासी मीनाक्षी सिंह कहती हैं कि ग्रीन कार्ड धारकों पर सरकार का ध्यान नहीं है. जब इच्छा होती है एक-दो महीने का राशन भेज दिया जाता है, फिर बंद कर दिया जाता है. ऐसे में हमलोगों को हर माह दिक्कत होती है. सरकार को ध्यान देना चाहिए. ऐसा नहीं है कि सभी ग्रीन कार्डधारक साधन संपन्न हैं. सरकार रेग्युलर ढंग से राशन दे तो कोई बात हो.
अब तक हमें सिर्फ दो बार का ही राशन मिला है : प्रीति रंजन मोहंता
आदित्यपुर निवासी प्रीति रंजन मोहन्ता कहती हैं कि जब हमलोग कोरोना काल में बेरोजगार हो रहे थे, तब केंद्र सरकार द्वारा हमें ग्रीन कार्ड दिया गया था, जिससे कुछ माह राशन मिला. इसके बाद अब तक 2 बार राशन मिला है. मई का अनाज दिया गया, लेकिन जून का अनाज नहीं मिला है. पूछने पर डीलर कहते हैं कि ग्रीन कार्डधारकों का अनाज नहीं आ रहा है.
बहरागोड़ा
छह माह में दो बार मिला चावल : जयंत कुमार भक्ता
बहरागोड़ा के जयंत कुमार भक्ता कहते हैं कि हर माह चावल नहीं मिलता है. इससे परिवार चलाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. यदि सरकार हर माह राशन वितरण करती तो यह विकट परिस्थिति उत्पन्न नहीं होती. उन्होंने कहा कि छह माह में सिर्फ दो बार ही चावल मिला है.
राशन पर हैं निर्भर, हर माह दिया जाए: सुकुमार दलाई
बहरागोड़ा के सुकुमार दलाई ने बताया कि खेती-बाड़ी के लिए जमीन नहीं रहने के कारण सरकारी राशन पर निर्भर रहना पड़ता है. वह भी समय पर नहीं मिलने पर परिवार का गुजारा करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. प्रत्येक माह नियमित रूप से चावल मिलना जरूरी है.
सरकार की ओर से नियमित चावल दिया जाए : विकास
बहरागोड़ा के विकास भालू ने कहा कि विगत छह माह में उन्हें केवल दो ही जन वितरण दुकान से चावल प्राप्त हुआ है. इससे परिवार चलाने के लिए दैनिक मजदूरी करना पड़ रहा है. सरकार हमें नियमित रूप से चावल उपलब्ध कराए. इससे सभी को सहूलियत होगी.
समय से राशन न मिलना चिंता का विषय: बापी दास
बहरागोड़ा के बापी दास ने कहा कि ग्रीन कार्ड पर समय पर अनाज न मिलना चिंता का विषय है. इसलिए सरकार द्वारा दिए जा रहे अनाज से उम्मीद टूट चुकी है. उन्होंने कहा कि चावल नहीं मिलने से परिवार को परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. सरकार प्रत्येक माह समय पर चावल उपलब्ध कराने की व्यवस्था करे.
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