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कमिटेड क्राइम हुआ ही नहीं तो रघुवर के खिलाफ कैसे होगी पीसी एक्ट के तहत जांच- BJP

  • राज्यसभा चुनाव में निर्मला देवी ने बीजेपी को दिया ही नहीं था वोट
  • कमिटेड क्राइम पर ही पीसी एक्ट के तहत हो सकती है जांच

Ranchi: 2016 चुनाव हॉर्स ट्रेडिंग मामले में बीजेपी पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के बचाव में उतर गई है. राज्यसभा सांसद और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि जब क्राइम हुआ ही नहीं है तो फिर पीसी एक्ट के तहत जांच कैसे हो सकती है. उन्होंने कहा कि शंका के आधार पर पीसी एक्ट लगाया नहीं जा सकता. दीपक प्रकाश ने कहा कि 2016 के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस विधायक निर्मला देवी ने बीजेपी प्रत्याशी को वोट दिया ही नहीं था. क्राइम तब होता जब निर्मला देवी बीजेपी को वोट देतीं. यानी कमिटेड क्राइम हुआ ही नहीं है. ऐसे में शंका के आधार पर पीसी एक्ट नहीं लगाया जा सकता.

सरकार विद्वेष की भावना से कर रही काम

दीपक प्रकाश ने कहा कि रघुवर सरकार अगर चाहती तो अपने कार्यकाल में राजनीतिक हस्तक्षेप कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल सकती थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. अब जब डेढ़ साल के शासनकाल में हेमंत सरकार को इस मामले में अब तक की जांच में कुछ नहीं मिला तो नई धाराएं डालकर षड्यंत्र के तहत राजनीतिक शत्रुता निभाई जा रही है, लेकिन बीजेपी को कानून पर पूरा भरोसा है. कोर्ट में दूध का दूध और पानी का पानी होगा.

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कानून के मामले में दिमाग न लगाए हेमंत सरकार

दीपक प्रकाश ने कहा कि सरकार कानून के मामले में अपना दिमाग ना लगाएं. अगर ऐसे ही सरकार राजनीतिक शत्रुता और विद्वेष की भावना से काम करेगी तो राज्य की जनता का बचा-खुचा भरोसा भी सरकार खो देगी. बीजेपी सरकार की कार्रवाई की कड़ी निंदा करती है.

क्या है मामला

2016 में राज्यसभा चुनाव के बाद तात्कालीन जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने एक ऑडियो टेप जारी किया था. इस कथित टेप में एडीजी अनुराग गुप्ता, तत्कालीन विधायक निर्मला देवी और उनके पति योगेंद्र साव के बीच बातचीत की बात सामने आई थी. मामला सामने आने के बाद पूरे मामले की शिकायत चुनाव आयोग से की गई थी. प्रथम दृष्टया जांच के बाद आयोग ने एफआईआर का आदेश दिया था. गृह विभाग के अवर सचिव अवधेश ठाकुर के बयान पर सरकार ने तब मामला दर्ज करवाया था.

मामले में फरवरी महीने में अनुराग गुप्ता के निलंबन के बाद राज्य सरकार ने विभागीय कार्रवाई शुरू की थी. इसके बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री ने मामले में पीसी एक्ट के तहत जांच की मंजूरी दे दी.

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