Ranchi: झारखंड में उपेक्षित वैश्य और ओबीसी समाज के धैर्य की परीक्षा अब अंतिम दौर में पहुंच चुकी है. झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा का प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय अध्यक्ष महेश्वर साहु के नेतृत्व में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश से मिला और दो टूक शब्दों में कहा कि अगर अब भी हमारी मांगों को नजरअंदाज़ किया गया, तो पूरे झारखंड में आंदोलन की ज्वाला भड़केगी. कांग्रेस कार्यालय में सौंपे गए ज्ञापन में मोर्चा ने बीते 18-19 वर्षों से चल रहे संघर्ष की याद दिलाते हुए कहा कि वैश्य समाज ने झारखंड अलग राज्य की लड़ाई से लेकर हर राजनीतिक परिवर्तन में अहम भूमिका निभाई है. लेकिन सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने वैश्य और ओबीसी वर्ग को हमेशा हाशिए पर रखा गया है. कहा कि महागठबंधन की सरकार में कांग्रेस की भूमिका बड़ी है, फिर भी आवाज़ को नकारा जा रहा है. मोर्चा ने इस बात पर गहरी नाराज़गी जताई कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कांग्रेस के मंत्रियों को कई बार ज्ञापन सौंपे गए, लेकिन नतीजा सिफर रहा. महेश्वर साहु ने साफ कहा, 23 अप्रैल को राजभवन के सामने हुए वैश्य अधिकार महाधरना के बाद भी यदि सरकार और कांग्रेस नेतृत्व गम्भीर नहीं होती है, तो अगली बार सड़कों पर जोरदार आंदोलन होगा और अधिकार नहीं तो वोट नहीं पर प्रदर्शन होगा. प्रतिनिधिमंडल ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि कांग्रेस यदि अपने सामाजिक आधार को बचाना चाहती है, तो वैश्य-ओबीसी समाज की मांगों पर तत्काल और ठोस निर्णय लेना होगा. मौके पर उपाध्यक्ष अश्विनी कुमार साहु, जिलाध्यक्ष रोहित कुमार साहु, रांची महानगर महासचिव मनोज कुमार, युवा मोर्चा अध्यक्ष हलधर साहु, सचिव आदित्य पोद्दार और रमेश कुमार साहु मौजूद थे. इसे भी पढ़ें- विझिंजम">https://lagatar.in/inauguration-of-vizhinjam-port-pm-said-many-people-will-lose-sleep/">विझिंजम
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अब नहीं मिला हक तो पूरे झारखंड में होगा संघर्षः वैश्य मोर्चा
