Ranchi: शराब पीने की लत छिपा कर बीमा पॉलिसी खरीदने पर शराब से होने वाली बीमारियों के इलाज का खर्च नहीं मिलेगा. एलआईसी द्वारा दायर अपील याचिका की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह व्यवस्था दी. साथ ही एलआईसी द्वारा दावा रद्द करने की सही करार दिया. एलआईसी ने नेशनल कंज्यूमर रिड्रेसल कमीशन(एनसीडीआरसी) द्वारा दिये गये फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. एनसीडीआरसी ने पॉलिसी धारक महिपाल की पत्नी की अपील पर सुनवाई के बाद एलआईसी को इलाज खर्च के रूप में 5.21 लाख रुपये के भुगतान का आदेश दिया था. महिपाल ने शराब पीने की लत को छिपा कर 2013 में आरोग्यम पॉलिसी खरीदी थी. पॉलिसी खरीदने के करीब एक साल बाद महिपाल के पेट में तेज दर्द होने पर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया. हालांकि इलाज के दौरान एक महीने बाद उसकी मौत हो गयी. डॉक्टरों ने शराब की वजह से लीवर आदि खराब होने की बात कही थी. महिपाल की मौत के बाद उसकी पत्नी ने इलाज खर्च का दावा किया. लेकिन एलआईसी ने पॉलिसी की शर्तों का हवाला देते हुए दावा भुगतान से इनकार कर दिया. इसके बाद उसकी पत्नी ने एनसीडीआरसी में एलआईसी के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की. एनसीडीआरसी ने 5.21 लाख रुपये के भुगतान का आदेश दिया. इस फैसले के खिलाफ एलआईसी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की. न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायाधीश संदीप मेहता की पीठ में एलआईसी की याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायालय ने एलआईसी द्वारा दावा के भुगतान नहीं करने को सही ठहराया. इसे भी पढ़ें - बजट">https://lagatar.in/budget-session-factory-amendment-and-jharkhand-goods-and-services-tax-amendment-bill-introduced-in-the-house/">बजट
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शराब की लत छिपा कर बीमा पॉलिसी खरीदने पर इससे होनेवाली बीमारियों का क्लेम नहीं मिलेगा

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