LagatardesK : Polycystic Ovary Syndrome (PCOS ) & Polycystic Ovarian Disease ( PCOD ) ऐसी स्थितियां हैं जो हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकती हैं.और अनियमित पीरियड्स, वजन बढ़ना, मुंहासे और बालों के झड़ने जैसे विभिन्न लक्षण पैदा कर सकती है .योग इन स्थितियों को प्रबंधित करने का एक शानदार तरीका हो सकता है क्योंकि यह तनाव को कम करने और समग्र शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करता है
आइए जाने ऋषि रंजन योग थेरेपिस्ट से आसन जो PCOD/PCOS में मददगार होंगे
- बद्धकोणासन: बद्धकोणासन से पेल्विक एरिया में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है, आराम मिलता है, तनाव कम होता है और प्रजनन अंगों को मदद मिलती है. आसन को प्रतिदिन करने से पीरियड्स नियमित होते हैं. साथ ही शरीर में हल्कापन भी बना रहता है
इसे कैसे करना है :
- जमीन पर बैठकर पैरों को सीधा रखें.
- धीरे-धीरे घुटनों को मोड़ें और दोनों पैरों के तलवों को आपस में जोड़ लें.
- हाथों की हथेलियों से पैरों को कसकर पकड़ें.
- घुटनों को ऊपर और नीचे की तरफ़ ले जाएं.
- पीठ को आगे की तरफ़ झुकाएं, लेकिन सिर ज़मीन पर न छुएं.
- कुछ देर इस मुद्रा में रहें और गहरी सांस लें.
- हाथों को ज़मीन पर रखकर पैरों को सीधा करके पहले की स्थिति में आ जाएं.
- भुजंगासन :
PCOD/PCOS की समस्या में भुजंगासन का बारी-बारी अभ्यास महिलाओं के लिए ज्यादा लाभकारी है. इसके अभ्यास से रिप्रोडक्टिव अंगों को शक्ति तो मिलती है ही. साथ ही पीरियड्स की अनियमितता भी दूर कर देता है. ऐसा होने पर पीसीओडी की समस्या दूर होने लगती है इसके साथ ही किडनी और यूटेरस को भी यह मजबूत करता है
इसे कैसे करना है :
भुजंगासन योग को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर लेट जाएं और अपनी हथेलियों को फर्श पर कंधे की चौड़ाई से अलग रखें. अपने निचले शरीर को जमीन पर रखते हुए श्वास लें और अपनी छाती को फर्श से उठाते हुए छत की ओर देखें सांस छोड़ते हुए अपने शरीर को फर्श पर दोबारा लेकर आएं.
- बालासन :
PCOD/PCOS के समाधान लिए बालासन एक उपयोगी योग आसन है, क्योंकि यह सेंट्रल नर्वस सिस्टम को शांत करके विश्राम प्रदान करता है .यह पूरे शरीर में खून के प्रवाह को एक समान करते हुए पीठ के निचले हिस्से में तनाव, मासिक धर्म में ऐंठन और पीएमएस के लक्षणों में सुधार करता है.
इसे कैसे करना है :
बालासन योग करने के लिए सबसे पहले वज्रासन में बैठ जाएं। अब सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर ले जाएं और आगे घुटने को मोड़े हुए आगे की तरफ झुकें। हाथो को सीधा फैलाए रखें। कुछ सेकंड्स से लेकर इसी मुद्रा में रहे और फिर वापस वज्रासन में आ जाएं
4.चक्कीचाल आसन :
-इस आसन को करना जितना अधिक आसान है उतना ही यह आसान पीसीओडी की समस्या से लड़ने में लाभकारी है.यह गर्भाश्य, अंडाशय, किडनी और पेट के निचले हिस्सी में स्थित मसल्स की मसाज करता है और उन्हें हेल्दी रखने में मदद करता है
इसे कैसे करना है :
दोनों पैरों को आगे की तरफ फैलाकर बैठ जाएं और पैरों को परस्पर अधिक दूरी पर रख लें. फिर दोनों हाथों की उंगलियों को एक-दूसरे में फंसाकर मुट्ठी बना लें। लंबी गहरी सांस भरें और हाथों को सीधा रखते हुए चक्की चलाने की भांति गोल-गोल घुमाएं। कोशिश करें कि आपके हाथ हर बार पैरों को छूते रहें
5.सूर्य नमस्कार के फायदे :
-आमतौर पर सूर्य नमस्कार आसन मन की एकाग्रता बढ़ाने और वजन घटाने के लिए किया जाता है। लेकिन पीसीओडी से ग्रसित महिलाएं यदि धीमी गति से इस आसन को करेंगी तो उन्हें अपने प्यूबिक एरिया की मसल्स यूरिनरी ट्रैक्ट वेन्स और लोअर अबडॉमिन की मसल्स को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। यह मेन्सट्रुअल साइकिल को रेग्युलर करने में मददगार है
खान-पान का भी रखना होता है पूरा ध्यान :
-पीसीओडी की समस्या हॉर्मोन्स से संबंधित है। इसलिए आपको अपनी लाइफस्टाइल को इस तरह मैनेज करना होगा कि हॉर्मोन्स का सीक्रेशन सही तरीके से हो सके
-आप अपनी डायट का ध्यान रखें और मौसम के अनुसार ही खान-पान अपनाएं.
– प्रकृति के साथ जुड़ें। यानी वॉक, रनिंग करें और पार्क में टहलें। रोज एक्सर्साइज करें.
– खूब पानी पिएं और अच्छी किताबें पढ़ें.इससे तन और मन दोनों को शांत रखने में मदद मिलती है
– साथ ही साथ हमेशा सांस लेने के व्यायाम जैसे अनुलोम-विलोम प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम, ओम जप भी अपने दैनिक जीवन में शामिल कर सकते हैं .