Ranchi : गाय के गोबर का इस्तेमाल कई तरह से होता है. इसका उपयोग खेती-बाड़ी (खाद के रूप में) करने में ज्यादा होता है. लेकिन किसानों कीआमदनी बढ़े और किसान व्यवसाय से जुड़ें, इसके लिए बिरसा कृषि विश्वविद्यालय मोबाईल रेडिएशन से बचने के लिए झारखंड के दो जिले दुमका और पूर्वी सिंहभूम में गोबर से चिप बनाने का प्रशिक्षण किसानों को दे रहा है . इसके अलावा माला, धूप, पेन स्टैंड ,दीयाआदि बनाने का प्रशिक्षण भी किसानों को दिया जा रहा है.
2022 से गोबर से चिप बनाने की ट्रेनिंग किसानों को दी जा रही है
जानकारी दी गयी कि प्रशिक्षण एक माह का है. कृषि विश्वविद्यालय के प्राकृतिक खेती विशेषज्ञ सिद्धार्थ जायसवाल ने बताया कि वर्ष 2022 से गोबर से चिप बनाने की ट्रेनिंग किसानों को दी जा रही है. प्रशिक्षण लेने के बाद किसान स्वयं चिप बनाकर देश के बड़े शहरों में बेच रहे हैं. सिद्धार्थ जायसवाल ने बताया कि वर्तमान में 200-250 किसान प्रशिक्षण ले रहे हैं.
इन शहरों में होती है सप्लाई
गोबर से बनने वाली सामग्री हवन, पेन स्टैंड, धूप, माला, दीया, चिप, मोबाईल स्टैंड आदि दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बंगलौर, चेन्नई, हैदराबाद आदि शहरों में सप्लाई की जाती है.
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