Ranchi: साहेबगंज जिले में हुए 1000 करोड़ के अवैध खनन की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रही है. इस मामले को लेकर साहिबगंज के पत्थर कारोबारी कृष्णा साहा को ईडी ने बुधवार को लंबी पूछताछ के बाद रात के 9.30 बजे गिरफ्तार कर लिया. बता दें कि बीते एक जुलाई को कृष्णा साहा को ईडी ने समन भेजकर रांची स्थित जोनल कार्यालय में पांच जुलाई को उपस्थित होने को कहा था.
सुबह 9.30 बजे ही पहुंच गए कृष्णा ईडी दफ्तर
ईडी ने कृष्णा साहा को दिन के 11 बजे ईडी के जोनल कार्यालय में हाजिर होने को कहा था, समन मिलने के बाद कृष्णा बुधवार को सुबह के 9.30 में ही ईडी दफ्तर चले गए ताकि उन्हें अंदर जाते कोई देख न सके. ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कृष्णा के दफ्तर पहुंचने के बाद उन्हें बाहर वाले कक्ष में बिठाया गया और दिन के 11 बजे से उनसे पूछताछ शुरू हुई. साहिबगंज में हुए अवैध खनन मामले में कृष्णा के पास कई अहम जानकारियां हैं, जिसको लेकर ईडी ने उनसे कई सवाल किए. कृष्णा साहा मुख्यमंत्री के बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के बेहद करीबी हैं. पिछले साल 8 जून 2022 को पंकज मिश्रा सहित कुल 15 लोगों के ठिकाने पर ईडी ने छापेमारी की थी. जिन 15 लोगों के ठिकानों पर छापेमारी हुई थी. उसमें कृष्णा भी शामिल थे. कृष्णा साहा पर मामला दर्ज
साहिबगंज जिले के पतना अंचल क्षेत्र के चपांडे पहाड़ में 30 जून की रात अवैध खनन के दौरान दो मजदूरों की मौत मामले में रंगा थाने में पत्थर कारोबारी कृष्णा साहा व अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. हालांकि प्राथमिकी में अवैध खनन का उल्लेख नहीं किया गया है. प्राथमिकी में मजदूरों की मौत का कारण लापरवाही से काम करने के दौरान पत्थर और मिट्टी का गिरना बताया गया है. साथ ही दुर्घटना के बाद पुलिस को सूचना दिये बिना ही शवों को हटाने का आरोप लगाया गया है. आइपीसी की धारा 304 A,279,120B,201 और 34 के तहत दर्ज प्राथमिकी में पत्थर कारोबारी कृष्णा साहा, शंभु साहा, उपेंद्र मंडल व अन्य को अभियुक्त बनाया गया है. इसमें मजदूरों की मौत पर पर्दा डालने के लिए कृष्णा साहा के इशारे पर शवों को घटनास्थल से हटाने और उनके परिजनों से बातचीत करने का उल्लेख किया गया है. [wpse_comments_template]
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