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कोयले के अवैध खनन पर नहीं लग पाती रोक, हर साल कई लोग गंवाते हैं जान, जानें कब-कब हुई घटनाएं

Saurav Singh Ranchi: झारखंड के अलग-अलग जिलों में कोयले का अवैध खनन खुलेआम होता है. इस अवैध खनन के दौरान हर साल दर्जनों लोग अपनी जान गंवाते हैं. हजारों परिवार कोयले के अवैध खनन से जुड़े हैं. अवैध खनन की वजह है, गरीबी और बेरोजगारी. इस वजह से लोग कोयले का अवैध खनन करते हैं. चूंकि खनन के दौरान इन्हें सुरक्षा के कोई उपाय उपलब्ध नहीं होते हैं, इसलिए अक्सर अवैध खनन में शामिल लोग दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं और हर साल अवैध खनन के दौरान झारखंड में दर्जनों लोगों की जान जाती है. धनबाद के निरसा के बीसीसीएल कापासारा कोलियरी, ईसीएल के मुगमा कोलियरी और ईसीएल के चापापुर कोलियरी, हजारीबाग- रामगढ़ के कोयला खदान, बोकारो के कोयला खदान सहित कई खदानों में अवैध खनन के कारण दुर्घटना की खबर आती रहती है. इसे भी पढ़ें -आरपीएन">https://lagatar.in/fear-of-rpn-effect-or-anti-incumbency-swami-prasad-maurya-left-padrauna-will-contest-from-fazilnagar/">आरपीएन

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मरने वालों का नहीं कोई सटीक आंकड़ा

अवैध खनन में शामिल कितने लोगों की प्रतिवर्ष मौत हो जाती है, इसका कोई सटीक आंकड़ा इसलिए उपलब्ध नहीं है क्योंकि जब भी अवैध खनन के मामले सामने आते हैं, तो खुद खनन में शामिल परिवार जल्द से जल्द शव को वहां से निकालकर भागना चाहते हैं और उसका क्रियाकर्म करना चाहते हैं. वजह यह है कि वे एक गैरकानूनी काम में शामिल होते हैं. कई बार तो अवैध खनन के दौरान मौत हो जाने पर दाह-संस्कार भी संभव नहीं हो पाता है. वहीं अगर घटना बड़ी हो और मामला प्रकाश में आ जाये तो बस इतना ही होता है कि संबंधित लोगों के परिजनों को लाश सौंप दी जाती है और मामला खत्म

जान हथेली पर लेकर करते हैं अवैध खनन

अवैध खनन ज्यादातर उन खदानों में होता है, जहां कोल इंडिया ने खनन का काम बंद कर दिया है. कई खदानों में पानी भरा होता है. जिन खदानों से कोयला निकालने का काम बंद कर दिया जाता है, उसे बालू या फ्लाई ऐश से भरा जाता है. लेकिन सच्चाई यह है कि इस काम में कोताही बरती जाती है. परिणामस्वरूप अवैध खनन के दौरान दुर्घटनाएं होती रहती हैं. अवैध खनन में जुटे लोग छोटी-छोटी सुरंग बनाकर खनन करते हैं, कई बार जमीन धंस जाती है तो कई बार जहरीली गैस का रिसाव होने की सूचना मिलती है, जिससे खनन में जुटे मजदूर की मौत होती है.

जाने कब-कब हुई अवैध खनन के दौरान घटनाएं

1 फरवरी 2022: धनबाद के निरसा में अवैध खनन के दौरान 3 खदानों के धंसने से 15 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी. 6 जनवरी 2022: धनबाद के दहीबाडी सी पैच में एक की मौत एवं एक घायल हो गया. 23 दिसंबर 2021: धनबाद के दहीबाडी सी पैच में एक की मौत हो गई थी. 28 नवंबर 2021: बोकारो में अवैध कोयला खनन करने के दौरान खदान में फंसे 4 मजदूर 96 घंटे बाद खुद सुरक्षित बाहर निकले. 3 जुलाई 2021: रामगढ़ के रजरप्पा प्रोजेक्ट की बंद खदान धठवाटांड़ में अवैध कोयला खनन के दौरान दम घुटने से एक दंपती की मौत हो गई थी. 27 फरवरी 2021: गिरिडीह जिले के हेठलापीठ में कोयला के अवैध खनन के दौरान एक की मौत हो गई थी. 21 फरवरी 2022: रामगढ़ के वेस्ट बोकारो ओपी क्षेत्र के लेईयो स्थित में कोयला उत्खनन के दौरान दो की मौत. 14 जनवरी 2020: धनबाद के चापापुर आउटसोर्सिंग के पास दो की मौत हो गई थी. 13 फरवरी 2020: धनबाद के कापासारा आउटसोर्सिंग के पास दो की मौत हो गई थी. 27 जनवरी 2020: धनबाद के कापासारा आउटसोर्सिंग के पास तीन की मौत हुई थी. 24 जनवरी 2020: धनबाद के कापासारा आउटसोर्सिंग के पास चार की मौत हो गयी थी. 23 जनवरी 2020: धनबाद के कापासारा आउटसोर्सिंग के पास दो की मौत हुई. 25 जनवरी 2020: धनबाद के कापासारा आउटसोर्सिंग के पास तीन की मौत हो गयी थी. 4 फरवरी 2020: धनबाद के राजपुरा ओसीपी के पास एक की मौत, दो घायल हुए थे. इसे भी पढ़ें –अमृत-2.0">https://lagatar.in/state-will-get-3000-incentive-on-every-connection-of-amrut-2/">अमृत-2.0

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