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निरसा, मुगमा और दहीबाड़ी में अवैध खनन है 9 लोगों की मौत का जिम्मेदार

Nirsa  :  निरसा,  मुगमा और पंचेत इलाके में 9 लोगों की मौत का जिम्मेदार अवैध कोयला खनन है.  बीसीसीएल सीवी एरिया के बंद पड़े आउट सोर्सिंग सी पेंच में कोयला तस्करी के दौरान चाल धंसने से तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि निरसा थाना क्षेत्र अंतर्गत कापासारा आउटसोर्सिंग परियोजना में मंगलवार की अहले सुबह करीब पांच बजे आउटसोर्सिंग खदान में अवैध मुहाना से कोयला उत्खनन के दौरान चाल गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई. इधर निरसा थाना क्षेत्र के गोपीनाथपुर ओसीपी में चाल धंसने से तीन लोगों की मौत हो गई है, जबकि आठ-दस लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है.

         खबर फैलते ही मची भगदड़

मौत की खबर फैलते ही आउटसोर्सिंग में अवैध ढंग से कोयला चुनने वालों में भगदड़ मच गई. आउटसोर्सिंग परियोजना में सन्नाटा पसर गया. ईसीएल, आउटसोर्सिंग प्रबंधन व स्थानीय प्रशासन ने ऐसी किसी तरह की घटना से इंकार किया है. मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार की अहले सुबह रोजाना की भांति सैकड़ों लोग कोयला उत्खनन के लिए खदान में उतरे. रावण सीढ़ी नामक स्थान के समीप बने मुहाना के अंदर लोग कोयला काट रहे थे. तभी अचानक चाल गिर पड़ा और उसकी चपेट में आने से तीन लोगों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई. मलबे में दबे सभी शव उनके सहयोगी निकाल कर ले भागे. सभी मृतक दूसरे जिलों के रहने वाले बताए गए हैं.

      बाहरी मजदूरों को मंगाकर कराया जा रहा उत्खनन

आउटसोर्सिंग परियोजना में अवैध ढंग से कोयला उत्खनन कराने के लिए कोयला कारोबारियों द्वारा दूसरी जगहों से मजदूरों को बुलाया जा रहा है. इन दिनों मुगमा क्षेत्र में हजारों लोग दूसरी जगहों से आकर कोयला उत्खनन करने का काम कर रहे हैं, जिनकी कोई पहचान कोयला उत्खनन करने वालों के पास नहीं रहती है. ऐसे में जब दुर्घटना होती है तो मजदूर मंगाने वाले कोयला कारोबारी चुप्पी साध लेते हैं. विगत 23 जनवरी 2019 से 1 फरवरी 2022 तक 17 लोगों की मौत कोयला उत्खनन करने के दौरान आउटसोर्सिंग में हो चुकी है और करीब दो दर्जन  से अधिक लोग घायल हो चुके हैं.

     और कितने लोगों को गंवानी पड़ेगी जान

लोगों का कहना है कि जिस तरह आउटसोर्सिंग के जरिये धड़ल्ले से कोयला की लूट हो रही है, उसमें हर कोई कोयले की काली कमाई से हाथ धोना चाहता है. नतीजा यह है कि सप्ताह या महीना के अंदर ऐसी घटना की पुनरावृत्ति हो रही है. लोग जान जोखिम में डालकर कोयला चुनने चले जाते हैं. दुर्घटना का कारण यह भी है कि ईसीएल प्रबंधन द्वारा रोजाना ब्लास्टिंग की जाती है, जिससे जमीन ढीली हो जाती है. जब लोग कोयला उत्खनन करने या चुनने जाते हैं तो उसकी चपेट में आ जाते हैं.

  कंपीटीशन के साथ हो रही कोयला चोरी : अरूप चटर्जी

इधर पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने जिला प्रशासन, ईसीएल प्रबंधन और सीआईएसएफ को आड़े हाथ लेते हुए जमकर लताड़ लगाई और आरोप लगाया कि सभी की मिलीभगत से कोयला चोरी को अंजाम दिया जा रहा है. पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार देखा जा रहा है कि पूरे कंपीटीशन के साथ कोयला चोरी को अंजाम दिया जा रहा है. यह भी पढ़ें : धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-daughter-did-not-agree-even-on-the-persuasion-of-parents-married-her-lover/">धनबाद

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