Ranchi : रांची के सिल्ली इलाके में हर दिन 70-80 गाड़ियों से बालू का अवैध कारोबार हो रहा है. जिन पर बालू के अवैध कारोबार को रोकने की जिम्मेदारी है, वे चुप्पी साधे हुए हैं. स्थानीय और कारोबार से जुड़े लोगों का मानना है कि उनकी चुप्पी का कारण इस कारोबार से होने वाली अवैध वसूली है. वसूली की रकम प्रति दिन लाखों और प्रति माह करोड़ों में है. तमाम महकमों में हिस्सेदारी बंटती है. राजनेताओं का भी हिस्सा बंधा हुआ है. हर कोई लाभ ले रहा है, इसलिए सभी जिम्मेदार चुप हैं.
हाथियों का आवागमन का क्षेत्र कहकर विभाग ने एनओसी देने से किया था इंकार
सिल्ली के सोनाहातू के बालू घाटों से भी बालू का अवैध उत्खनन हो रहा है. जबकि यह क्षेत्र हाथियों के आवागमन का क्षेत्र है. वर्ष 2017-18 में वन विभाग ने सोनाहातू के डीबाड़ीह घाट को यह कहते हुए एनओसी देने से इंकार कर दिया था कि यह हाथियों का आवागमन का क्षेत्र है. बालू के अवैध कारोबार और अवैध वसूली की वजह से लोगों को महंगा बालू मिल रहा है और सरकार को ना के बराबर टैक्स. इस वजह से स्थानीय लोग अब यह मांग करने लगे हैं कि जब सरकार को टैक्स मिलता ही नहीं है, तो फिर बालू को फ्री क्यों नहीं कर दिया जाता है. इससे कम से कम अवैध वसूली पर तो अंकुश लगेगा. अवैध वसूली की वजह से बालू की कीमत दोगुनी हो जा रही है.
सीएम से अवैध कारोबार पर रोक लगाने की मांग
आजसू से जुड़े हिमांशु कुमार ने एक्स पर पोस्ट कर मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस अवैध कारोबार पर रोक लगायी जाये. ताकि लोगों को सस्ते दर पर बालू मिल सके और करप्शन की मदद से ब्लैक मनी का इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा ना हो सके.
https://twitter.com/HimanshuAAM/status/1902180491836715039
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