- 11 सख्त शर्तों के साथ सुधारों की दी नसीहत
- शर्तें पूरी नहीं हुई तो बेलआउट पैकेज की अगली किस्त नहीं की जायेगी जारी
IMF की प्रमुख शर्तें : 17.6 ट्रिलियन रुपये का संघीय बजट संसद से पारित कराना बिजली बिलों पर अतिरिक्त सरचार्ज लगाना पुरानी कारों के आयात की सीमा 3 साल से बढ़ाकर 5 साल करना स्पेशल टेक जोन और इंडस्ट्रियल पार्कों को दी जा रही रियायतों को खत्म करने की योजना बनाना 1 जुलाई 2025 तक बिजली शुल्क में पुनर्निर्धारण की अधिसूचना 2026 तक गैस टैरिफ में बदलाव कैप्टिव पावर लेवी पर कानून लाना डेब्ट सर्विस सरचार्ज पर ₹3.21 प्रति यूनिट की सीमा हटानाबजट और रक्षा खर्च पर भी नजर IMF ने पाकिस्तान से कहा है कि 2026 का बजट जून 2025 तक संसद से पारित कराया जाए और वह IMF के राजकोषीय लक्ष्यों के अनुरूप हो. खास बात यह है कि पाकिस्तान ने रक्षा बजट में 18% की बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव रखा है, जो IMF की मंशा के विपरीत है. इसे भी पढ़ें : नाइजीरिया">https://lagatar.in/terrorist-attack-in-borno-nigeria-57-killed-more-than-70-missing/">नाइजीरिया
के बोर्नो में आतंकी हमला, 57 की मौत, 70 से अधिक लापता क्यों जरूरी है ये पैकेज? पाकिस्तान इस समय गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है. देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार घट रहा है, महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर है और विदेशी निवेशकों का भरोसा डगमगाया हुआ है. MF से मिलने वाला नया ऋण पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को स्थिरता देने के लिए जरूरी माना जा रहा है. इन शर्तों को मानने के बाद ही पाकिस्तान को IMF से नया बेलआउट पैकेज मिल सकता है, जो कि अरबों डॉलर का होगा. अब यह देखना अहम होगा कि पाकिस्तान सरकार इन शर्तों को मानती है या नहीं. इसे भी पढ़ें : रांची">https://lagatar.in/ranchi-a-person-died-during-morning-walk-in-harmu-maidan/">रांची
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