Islamabad : पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को विदेशी नेताओं से मिले गिफ्ट्स की बिक्री से आय छिपाने के लिए पांच साल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया. इस फैसले के बाद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान पांच साल तक संसद के सदस्य नहीं बन सकेंगे. इस फैसले के बाद चुनाव आयोग के दफ्तर के बाहर फायरिंग की भी घटना हुई है. इसके बाद वहां अफरा-तफरी मच गयी.
चार सदस्यीय पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया
सत्तारूढ़ गठबंधन की सरकार के सांसदों ने अगस्त में पाकिस्तान के चुनाव आयोग में 70 वर्षीय इमरान खान के खिलाफ एक मामला दायर किया था, जिसमें उन्होंने उपहारों की बिक्री से आय का खुलासा करने में विफल रहने के लिए उन्हें अयोग्य घोषित करने की मांग की थी. आयोग ने 19 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा की अध्यक्षता वाली आयोग की चार सदस्यीय पीठ ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से फैसला सुनाया कि इमरान खान भ्रष्ट आचरण में शामिल थे. उन्हें संसद के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किया जाता है.
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे इमरान
आयोग ने यह भी घोषणा की है कि उनके खिलाफ भ्रष्ट आचरण कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी. खान की पार्टी के महासचिव असद उमर ने बताया कि इस फैसले को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी जाएगी. पीटीआई के एक अन्य नेता फवाद चौधरी ने फैसले को खारिज कर दिया और खान के समर्थकों से विरोध प्रदर्शन करने को कहा.
उपहारों को भारी मुनाफे पर बेच दिया था
जब साल 2018 में इमरान खान सत्ता में आए थे, तो आधिकारिक यात्राओं के दौरान अमीर अरब शासकों से महंगे गिफ्ट मिले थे, जो तोशखाना में जमा किए गए थे. बाद में उन्होंने उसे रियायती मूल्य पर खरीदा और भारी मुनाफे पर बेच दिया. उपहारों में एक ग्रेफ कलाई घड़ी, कफलिंक की एक जोड़ी, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियां शामिल थीं. उनके विरोधियों के अनुसार, इमरान खान आयकर रिटर्न में बिक्री दिखाने में विफल रहे, जिसकी वजह से वह उत्तरदायी हो गए. ईसीपी में दायर मामला संविधान के अनुच्छेद 62 और 63 के तहत दर्ज किया गया था, जिसमें उनकी अयोग्यता की मांग की गई थी. 1974 में स्थापित तोशखाना कैबिनेट डिवीजन के प्रशासनिक नियंत्रण में एक विभाग है और शासकों, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को अन्य सरकारों और राज्यों के प्रमुखों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दिए गए कीमती उपहारों को वहां इकट्ठा किया जाता है.
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