Vinit Abha Upadhyay Ranchi: बोकारो जिला के तेतुलिया मौजा की वन भूमि पर लगभग वर्ष 2016 से अतिक्रमण किया जा रहा है. पिछले लगभग एक दशक में वन भूमि पर न सिर्फ कब्जा किया गया, बल्कि उसकी खरीद-बिक्री की गई और निर्माण भी किया गया. यह सब कुछ अपनी आंखों के सामने होता देखने के बावजूद वन विभाग की ओर से कार्रवाई के नाम पर अतिक्रमण वाद शुरू किया गया और यह जानकर हैरानी होगी कि वन विभाग की ओर से शुरू किया गया अतिक्रमण वाद BPLE 148/15 अब तक खत्म नहीं हुआ है. यानी अतिक्रमण वाद चलते हुए भी तेतुलिया की वन भूमि लूटती रही और बिकती रही. यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि वर्ष 2016 में राज्य सरकार ने एक तीन सदस्यीय कमिटी गठित की थी. जिसकी रिपोर्ट के मुताबिक, तेतुलिया मौजा की लगभग 100 एकड़ से ज्यादा भूमि को जंगल झाड़ की भूमि बताते हुए गैर वानिकी कार्य को हमेशा के लिए इस भूमि पर वर्जित बताया गया था. बहरहाल वन भूमि की लूट के इस चर्चित मामले की जांच अब सीआईडी कर रही है और जल्द ही सीआईडी इस राज से पर्दा हटायेगा कि किसकी शह पर और किसकी मिलीभगत से बोकारो में इतने बड़े भूमि घोटाले को अंजाम दिया गया. इसे भी पढ़ें - बिहार">https://lagatar.in/political-controversy-over-aurangzeb-in-bihar-jdu-mla-opens-front-against-his-party-leader/">बिहार
में औरंगजेब पर सियासी विवाद, जेडीयू विधायक ने अपनी पार्टी के नेता के खिलाफ खोला मोर्चा
2016 में वन विभाग ने शुरू किया अतिक्रमण वाद, फिर भी तेतुलिया की भूमि पर होता रहा कब्जा

Leave a Comment