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संसद के मानसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में सरकार ने कहा, नियमों के तहत स्वीकृत हर मुद्दे पर चर्चा करेंगे....

New Delhi : केंद्र सरकार ने आज बुधवार को कहा कि वह 20 जुलाई, गुरुवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में नियमों के तहत ऐसे सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार है जिनकी स्वीकृति आसन से मिल जाती है. संसद के शुरू होने जा रहे मानसून सत्र में सुचारू कामकाज के लिए चर्चा करने को लेकर केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गयी सर्वदलीय बैठक में दोनों सदनों में सभी राजनीतिक दलों के नेता भाग ले रहे हैं.                                            नेशनल">https://lagatar.in/category/desh-videsh/">नेशनल

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सदन में कामकाज चलना चाहिए

संसदीय ग्रंथालय भवन में हो रही बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के अलावा कांग्रेस सांसद जयराम रमेश, अधीर रंजन चौधरी शामिल हुए. बैठक में आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल ने भाग लिया. हरसिमरत कौर बादल ने संवाददाताओं से कहा कि लोगों का पैसा बर्बाद नहीं होना चाहिए और सदन में कामकाज चलना चाहिए.

सरकार मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में चर्चा को तैयार

सूत्रों ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा बुलाई गयी कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में कहा कि सरकार मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में चर्चा को तैयार है. संसद के सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाने की परंपरा रही है, जिसमें विभिन्न दल अपने मुद्दों को रखते हैं. इस बैठक में सरकार के वरिष्ठ मंत्री शामिल होते हैं. संसद के मानसून सत्र की शुरुआत 20 जुलाई को होगी. सत्र 11 अगस्त तक चलना प्रस्तावित है. इस दौरान संसद के दोनों सदनों की कुल 17 बैठकें होंगी. संसद के मानसूत्र सत्र के दौरान सरकारी कार्यों की संभावित सूची में 21 नये विधेयकों को पेश व पारित करने के लिए शामिल किया गया है.

दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक पेश होगा                                

इसमें दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023 भी शामिल है. यह विधेयक संबंधित अध्यादेश का स्थान लेने के लिए पेश किया जायेगा. आम आदमी पार्टी इस अध्यादेश को लेकर सरकार पर निशाना साध रही है. वहीं, कांग्रेस ने सत्र के दौरान मण‍िपुर हिंसा, रेल सुरक्षा, संघीय ढांचे पर कथित आक्रमण, जीएसटी को पीएमएलए के दायरे में लाने और महंगाई पर चर्चा कराने की मांग पर जोर देने की बात कही है. [wpse_comments_template]

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