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भविष्य में कांग्रेस और जेएमएम के बीच अनबन मुस्लिम – आदिवासी वोटों को लेकर होगी!

Nitesh">https://twitter.com/NiteshOjha_AB">Nitesh

Ojha || Ranchi 
: तथ्यः-  झारखंड में मुस्लिम और आदिवासी वोटरों की संख्या तकरीबन 41 % है. झारखंड विधानसभा के 81 में से 11 सीटों पर मुस्लिम वोटरों के वोट निर्णायक होते हैं. आदिवासी सीटों की स्थिति यह है कि 28 में 19 आदिवासी सीटों पर जेएमएम का कब्जा है और 2 सीटों पर कांग्रेस का.  इन तथ्यों से झारखंड में मुस्लिम व आदिवासी वोटों की स्थिति का पता चलचा है.  हेमंत सरकार में मुस्लिम – आदिवासी समुदाय के लिए किये जा रहे कार्यों का क्रेडिट जेएमएम को ही मिलते दिखता है. इसी दर्द को प्रदेश कांग्रेस नेताओं ने पारसनाथ में हुए चिंतन शिविर में उठाया. कांग्रेसी नेताओं ने अपनी परंपरागत वोट बैंक को हानि पहुंचाने और कब्जाने का आरोप जेएमएम पर लगाया है. बुधवार को कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने प्रेस कांफ्रेस कर मुस्लिम- आदिवासी के हितों में कदम उठाने की बात की. ऐसा लगता है आने वाले वक्त में मुस्लिम व आदिवासी वोटों को अपने पाले में करने के लिये  कांग्रेस और जेएमएम के बीच अनबन हो सकती है.

अन्य राज्यों में भी कांग्रेस को नुकसान हुआ

देखा जाये तो देश के कई राज्यों में कांग्रेस अपनी परंपरागत मुस्लिम वोट बैंक खो रही है. उत्तर प्रदेश में सपा, पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, बिहार में आरजेडी जैसी क्षेत्रीय पार्टियां पहले ही मुस्लिम वोटरों को अपने पाले में करने में सफल हुई है. इसका सीधा नुकसान इन राज्यों में कांग्रेस को हुआ है. झारखंड कांग्रेस के नेताओं को लगता है कि झारखंड में भी ऐसी ही स्थिति बन सकती है. उसके परंपरागत वोटर सत्तारूढ़ जेएमएम के पक्ष में जा सकते हैं.  मुस्लिम के अलावा जेएमएम आज आदिवासी वोटरों को भी पहले की तुलना में अधिक अपने पाले में करने में लगी है. इसे भी पढ़ें - अंतर">https://lagatar.in/see-difference-that-2013-comment-on-mukesh-ambanis-security-and-z-plus-security-to-rapist-ram-rahim/">अंतर

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दीपिका और बन्ना ने प्रमुखता से उठाया था सवाल

बता दें कि चिंतन शिविर में कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि आज झारखंड में जितनी भी योजनाएं शुरू की गई हैं, उसका सीधा क्रेडिट मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ले रहे हैं. स्वास्थ्य">https://www.youtube.com/watch?v=afWZEqLiafk">स्वास्थ्य

मंत्री बन्ना गुप्ता
ने भी तो सीधे तौर पर कहा, सीएम चाहते हैं कि कांग्रेस खत्म हो जाए और परंपरागत वोट जेएमएम को शिफ्ट हो जाये. इसे भी पढ़ें - Russia">https://lagatar.in/russia-ukraine-war-ukraine-closes-airspace-threat-of-shot-down-remains-dreamliner-787-returned-with-242-indians/">Russia

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41 % मुस्लिम-आदिवासी वोटर, चुनाव में निभाते हैं निर्णयाक भूमिका

झारखंड में आदिवासी – मुस्लिम वोटरों की संख्या करीब 41 % हैं. इसमें मुस्लिम और आदिवासी वोटर क्रमशः वोटर 15 % और 26 % है. 7 सीटों - जामताड़ा, पाकुड़, राजमहल, गोड्डा, मधुपुर, गांडेय और टुंडी विधानसभा में मुस्लिम वोटर्स ही उम्मीदवारों का भविष्य तय करते हैं. इन सीटों में 22% से 38% तक मुस्लिम वोटर्स की संख्या हैं. वहीं, महगामा, राजधनवार, हटिया, धनबाद ऐसे सीटें हैं जहां मुस्लिम वोटर्स समीकरण बिगाड़ सकते हैं. 2019 के चुनाव में आदिवासी वोटरों ने जेएमएम का काफी गर्भजोशी से साथ दिया था. चुनाव में 28 आदिवासी सीटों में से 19 सीट जेएमएम को मिली थी. वहीं कांग्रेस को केवल 6. जेएमएम कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को मालूम है कि अगर पूरे 26 % आदिवासी समाज को अपने पाले में करना है, तो इनके हित में कई बड़े कदम उठाने होंगे. इसे भी पढ़ें - टेरर">https://lagatar.in/nia-could-not-arrest-the-main-accused-even-a-month-after-the-petition-was-dismissed-in-the-terror-funding-case/">टेरर

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मुस्लिमों के हित में उठाये गये कदम

  • नियुक्ति नियमवाली में सभी जिलों में उर्दू को क्षेत्रीय भाषा के रूप में शामिल करना.
  • रघुवर सरकार के समय से लंबित 130 मदरसों को अनुदान मिलने का रास्ता साफ करना.
  • विधानसभा में नमाज कक्ष के लिए कमरा आवंटन. 

आदिवासी हित में लिये गये निर्णय

  • मरांग गोमके पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना में शुरूआत में ही एसटी छात्र-छात्राओं को प्राथमिकता देना.
  • 20 वर्षों से लंबित टीएससी नियुक्ति नियमावली को बनाकर विधिवत रूप से सभी सदस्यों का मनोनयन किया गया.
  • पहली बार विधानसभा से सरना धर्म कोड प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजना.
  • आदिवासियों को लिक से हटकर ऋण देने का बैंकों को निर्देश.
  • आदिवासियों की जमीन के हस्तांतरण और कब्जा की जांच करने के लिए विशेष समिति बनाने की घोषणा.
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