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में बड़ा विस्फोट, 10 लोगों की मौत
तय मात्र में टीएचआर नहीं मिलने की शिकयत की
आंगनवाड़ी केंद्रों में टीएचआर तय मानक के अनुरुप नहीं दिये जा रहे हैं.लाभुकों के द्वारा बताया गया कि 2021 में मात्र दो बार ही टीएचआर दिया गया है. जिसकी गुणवत्ता मनकों के अनुरूप नहीं थी. जिला के कर्रा प्रखंड में 1135 धात्री महिला, 1098 गर्भवती महिला, 7 माह से 3 साल के 5920 बच्चे जबकि 3 साल से 6 साल तक के 4318 बच्चें प्रखंड के कुल 210 आंगनबाड़ी और 35 मिनी आंगनबाड़ी में पंजीकृत हैं. इसे भी पढ़ें-बैंकों">https://lagatar.in/10-lakh-employees-of-banks-remained-on-strike-media-turned-their-backs-avoid-telling-big-mess-lagatar-in/">बैंकोंके 10 लाख कर्मचारी हड़ताल पर रहे, मीडिया का मुंह फेरना- बड़ी गड़बड़ी को बताने से बचना है
कुपोषण जंग जारी... चावल, दाल और सड़े आलू
खूंटी जिले के कर्रा प्रखंड के जम्हार एवं कुरीद, पहाड़ टोली, जलटंडा आंगनबाड़ी सेंटर का जायजा लिया. पहाड़ टोली की सेविका सुनीता देवी है. उन्होंने बताया कि गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के साथ-साथ 6 माह से 3 साल तक के बच्चों को भी टेक होम राशन दिए जाने का प्रावधान है. जनवरी से दिसंबर के बीच मात्र दो बार ही टेक होम राशन दिया गया. सेंटर में 6 से 3 साल तक के 32 बच्चे हैं. 3 से 6 साल के बीच के 18 बच्चे.8 गर्भवती एवं 12 धात्री माताएं सेंटर में पंजीकृत हैं.पहाड़ टोली आंगनबाड़ी सेंटर 4 बच्चे कुपोषित चिह्नित किए गए हैं. सोदी सांगा का बेटा शुकरो उम्र 26 माह,सुमन सांगा की बेटी करमीला सांगा उम्र 24 माह, शांति कंडीर की बेटी शिल्पा सांगा उम्र 26 माह, पोलीना डोडराई की बेटी एलीना सांगा उम्र 27 माह कुपोषित हैं. इसे भी पढ़ेकोडरमा:">https://lagatar.in/koderma-accused-of-abusing-the-station-in-charge-demand-for-action/">कोडरमा:थाना प्रभारी पर गाली गलौज का आरोप, कार्रवाई की मांग
जलटंडा आंगनबाड़ी सेंटर का भवन नहीं है
जलटंडा आंगनबाड़ी सेंटर की सेविका पोलीना डोडराई कहती है कि जलटंडा आंगनबाड़ी का भवन नहीं है. सेंटर में तीन से 6 साल के 18 बच्चे हैं, 6 माह से 3 वर्ष के 32 बच्चे, 8 गर्भवाती महिलायें और 12 धात्री माताएं पंजीकृत हैं. सेंटर में 4 बच्चे कुपोषित भी हैं. 2021 में जनवरी से दिसंबर के बीच मात्र दो बार टीएचआर दिये गये.टीएचआर के नाम पर चावल दाल और सड़े हुए आलू दिये गये थे. जेएसएलपीएस की महिला समूह टीएचआर देती है. कोरोना काल में भी खानापूर्ति के लिये टीएचआर का वितरण किया गया.महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के तहत समेकित बाल विकास योजना अंतर्गत टेक होम राशन योजना में राशन वितरण में कोताही बरती जा रही है. निर्धारित मापदंड के अनुसार लाभुकों को टेक होम राशन की आपूर्ति नहीं की जा रही है. इसे भी पढ़ें-तो">https://lagatar.in/so-is-the-worlds-view-on-taliban-changing/">तोक्या तालिबान को लेकर बदल रह है दुनिया का नजरिया !
टीएचआर देने का जिम्मा जेएसएलपीएस की महिला समूह को
बाल विकास परियोजना द्वारा संचालित उक्त योजना में सामग्री की आपूर्ति झारखंड राज्य आजीविका संवर्धन सोसाइटी के द्वारा की जा रही है, जिसमें गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के लिए प्रतिमाह चावल 2.5 किलो, अरहर दाल 7.50 ग्राम, मूंगफली 1 किलो, गुड़-625 ग्राम, जबकि आलू 3.250 किलो यानी कुल 8 किलो राशन दिया जाना है.वही 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों को चावल 1.250 किलो, अरहर दाल 7.500 सौ ग्राम, मूंगफली 7.50सौ ग्राम, 7.50तथा आलू.2.500 किलो कुल 6 किलो.इसी प्रकार कुपोषित बच्चों के लिए चावल 1. 875 ग्राम अरहर दाल, 875 ग्राम मूंगफली,सवा किलो 6.25 ग्राम, काबली चना 6.25 ग्राम तथा आलू ढाई किलो दिया जाना है.उपरोक्त सभी वस्तुओं को आपूर्तिकर्ता के द्वारा अलग अलग पैकेट मे आंगनवाड़ी केंद्रों में उपलब्ध कराया जाना है जो नहीं किया जा रहा है. इसे भी पढ़ें-बिहार">https://lagatar.in/reorganization-of-committees-of-bihar-colliery-kamgar-union/">बिहारकोलियरी कामगार यूनियन की कमेटियों का पुनर्गठन