Ranchi : झारखंड में कई आपराधिक गिरोह सक्रिय हैं. लेकिन इन सबकी तुलना में अमन साहू गिरोह से जुड़ा राहुल सिंह और राहुल दुबे गिरोह की सक्रियता बढ़ी है.
हाल के कुछ महीने में इन दोनों के गिरोह के अपराधियों ने रंगदारी वसूली के लिए कोयला साइडिंग, रोड निर्माण स्थल के अलावा अन्य जगहों पर गोलीबारी की घटना को अंजाम दिया है, ताकि कारोबारियों में डर का माहौल बना रहे.
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हाल के दिनों में कई घटनाओं को दिया अंजाम
- 29 अगस्त : रामगढ़ के भुरकुंडा सीसीएल सौंदा साइडिंग में देर रात राहुल दुबे गिरोह के अपराधियों ने दहशत फैलाने के लिए ताबड़तोड़ फायरिंग की थी.
- 19 अगस्त : चतरा के पिपरवार थाना क्षेत्र स्थित राजधर रेलवे साइडिंग के पास एक हाईवा ट्रक पर गोलीबारी की गई थी. हालांकि इस हमले में कोई हताहत नहीं हुई थी. इस हमले की जिम्मेदारी राहुल सिंह ने ली थी.
- 4 जुलाई : पलामू में सिंगरा मोड़ के पास सुबह करीब 5:15 बजे अपराधियों ने फायरिंग की. इस घटना में एक मजदूर के पीठ पर गोली लगी थी. इस घटना का जिम्मा राहुल सिंह गिरोह ने लिया था.
- 17 अप्रैल : पतरातू रेलवे फाटक के समीप स्थित रेलवे साइडिंग के कोयला इंट्री गेट चेक पोस्ट पर राहुल दुबे गिरोह के अपराधियों ने देर रात पांच राउंड फायरिंग की थी.
50 से अधिक अपराधी गिरफ्तार, फिर भी वारदात नहीं हो रहे कम
हाल के कुछ महीने में झारखंड के पलामू, लातेहार और रामगढ़ से राहुल सिंह और राहुल दुबे गिरोह के 50 से ज्यादा अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. इसके बावजूद गिरोह का आतंक खत्म नहीं हो रहा है. राहुल गैंग के गुर्गे रंगदारी के लिए किसी न किसी जिले में फायरिंग कर रहे हैं.
जांच में यह भी पता चला है कि राहुल सिंह जैसे गिरोह गोलीबारी जैसी वारदातों को अंजाम देने के लिए नए लड़कों का इस्तेमाल कर रहे हैं. हाल के दिनों में दोनों गिरोह से जुड़े कुछ ऐसे अपराधी भी गिरफ्तार किए गए हैं, जो दूसरे शहरों में बिजली मिस्त्री या फिर कुछ और काम किया करते थे.
ऐसे युवकों को पैसे का लालच देकर कुछ संगठित आपराधिक गिरोह अपराध की वारदातों को अंजाम दिलवा रहे हैं. क्योंकि क्रिमिनल रिकार्ड नहीं होने से ये आसानी से पकड़ में नहीं आते हैं.
9 जिले, 10 आपराधिक गिरोह और 633 अपराधी सक्रिय
झारखंड के नौ जिलों में 10 प्रमुख आपराधिक गिरोह सक्रिय हैं, जिनमें कुल 633 अपराधी शामिल हैं. इन गिरोहों का वर्चस्व रांची, हजारीबाग, पलामू, रामगढ़, चतरा, लातेहार, गढ़वा, धनबाद और जमशेदपुर तक फैला हुआ है.
राज्य में संगठित अपराध एक बड़ी चुनौती बना हुआ है. हालांकि, झारखंड एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता) द्वारा हाल के महीनों में की गई ठोस कार्रवाइयों से संगठित अपराध की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आयी है.
किस जिले में कितने आपराधिक गिरोह हैं सक्रिय :
- रांची : पांच
- रामगढ़ : तीन
- हजारीबाग : तीन
- चतरा : तीन
- लातेहार : पांच
- पलामू : चार
- गढ़वा : तीन
- धनबाद : एक
- जमशेदपुर : एक
गिरोहों के नाम और उनकी सक्रियता
गिरोह के नाम | कुल सदस्य | किन-किन जिलों में है सक्रियता |
अमन साहू गिरोह | 162 | रांची, रामगढ़, हजारीबाग, चतरा, लातेहार, पलामू और गढ़वा |
पांडेय गिरोह | 54 | रामगढ़, हजारीबाग, चतरा और पलामू |
अखिलेश सिंह गिरोह | 30 | जमशेदपुर |
श्रीवास्तव गिरोह | 52 | रांची, रामगढ़, हजारीबाग, चतरा और लातेहार |
प्रिंस खान गिरोह | 108 | धनबाद |
अमन सिंह गिरोह | 58 | धनबाद |
सुजीत सिन्हा गिरोह | 46 | पलामू, गढ़वा, लातेहार और रांची |
डब्लू सिंह गिरोह( सरेंडर) | 38 | पलामू, लातेहार, गढ़वा और रांची |
लव कुश शर्मा गिरोह | 28 | रांची |
राहुल सिंह गिरोह | 7 | लातेहार |
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